प्रकृति सौंदर्य से लबालब धर्मशाला

By: Dec 3rd, 2017 12:05 am

हिमाचल प्रदेश में अनेक पर्यटक स्थल हैं, जिन्हें कुदरत ने अपने हाथों से अवस्थित किया हुआ है। इस राज्य में प्रतिवर्ष सैलानियों का आकर्षण इस ओर अधिक बढ़ा है। कांगड़ा से मात्र 15 किमी दूर स्थित नैसर्गिक सौंदर्य से  लबालब धर्मशाला देश-विदेश के पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है…

प्रकृति ने धर्मशाला में चारों ओर अपनी खूबसूरती बिखेर कर रखी है। यहां कुदरत के कण- कण में सुंदरता बसती है। कैल, चीड़ और देवदार के सदाबहार पेड़ों से भरी पहाडि़यों के बीच अवस्थित धर्मशाला धौलाधार की हिमाच्छादित पर्वतमालाओं के सपनीले नजारों के कारण अत्यधिक खूबसूरत लगता है। इस शहर की रंगीनियां भी मशहूर रही हैं। धर्मशाला के आसपास अनेकों रमणीक पर्यटन स्थल हैं, जहां आप जिंदगी की आपा धापी से दूर कुछ सुकून के पल इनमें बिता सकते हैं। विश्व को शांति का पैगाम देने वाले तिब्बत के निर्वासित सर्वोच्च आध्यात्मिक नेता दलाई लामा से धर्मशाला के मकलोडगंज के प्रतिदिन हजारों की संख्या में उनके अनुयायी उनसे भेंट करने आते हैं। मैकलोडगंज को बौद्ध नगरी भी कहा जाता है। यहां तिबेतन शैली में बने घरों की सुंदरता सभी को अचंभित कर देती है। यहां स्थित आधुनिक बाजार, भव्य होटल व विश्राम गृह में सैलानियों की चहलकदमी एक उत्सव का माहौल जैसा प्रतीत होता है।  मसरूर टेंपल भी कांगड़ा की खूबसूरती को चार चांद लगा देता है। यहां स्थित झरने की खूबसूरती के दीदार करने का आनंद ही कुछ और है। यहां से कुछ ही दूरी पर कश्मीर डल झील की तर्ज पर स्थित डल झील भी सैलानियों को अपनी ओर आकर्षित करती है। यह एक बहुत ही मनभावन पिकनिक स्पॉट है। यहां समय कब बीत जाता है पता ही नहीं चलता। धर्मशाला के अंतर्गत धर्मकोट जोकि समुद्र तल से 2100 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है यह एक ऐसा स्थान है, जहां से अनेकों खूबसूरत घाटियों के विहंगम व नयनाभिराम नजारों का अवलोकन सैलानी बड़ी सुगमता व सरलता से कर सकते हैं। यहां पर्यटक धौलाधार की चांदी सी चमकती बर्फीली चोटियों का अद्भुत नजारा देख सकते हैं। यह समस्त क्षेत्र बेहद सुंदर व मनमोहक है। हरे भरे परिवेश के बीच यह पर्यटन स्थल सैलानियों के लिए यादगार बन जाता है। धर्मशाला में वैसे तो पूरे वर्ष ही यहां मौसम अति सुहावना होता है, लेकिन अप्रैल से मई तक और नवंबर और दिसंबर तक अत्यंत मनोहरी व खुशनुमा रहता है। यहां ठहरने के लिए सरकारी विश्राम गृह, सभी सुविधाओं से सुसज्जित होटल व अन्य गेस्ट हाउस सहजता व वाजिब दामों पर उपलब्ध हो जाते हैं। धर्मशाला पहुंचने के लिए दिल्ली, चंडीगढ़, हरियाणा व पंजाब से राज्य की परिवहन सेवाएं प्रतिदिन सुलभ हैं, वहीं पठानकोट से खिलौना रेलगाड़ी से कांगड़ा तक पहुचा जा सकता है। इसके अतिरिक्त दिल्ली से नियमित हवाई उड़़ान के माध्यम से भी कांगड़ा स्थित गग्गल एयरपोर्ट पहुंच सकते हैं। उपरोक्त पर्यटन स्थलों पर पहुचने के लिए टैक्सी, मिनी गाडि़यां आसानी से मिल जाती है।

तुलसी राम डोगरा, पालमपुर


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