बाबा नीब करौरी धाम

By: Dec 9th, 2017 12:07 am

हनुमान के रूप माने जाने वाले करौरी बाबा ने कैंची धाम आश्रम बसाया था। यहां हनुमान जी के साथ अन्य देवी- देवताओं के मंदिर भी हैं। नैनीताल से 38 किमी. दूर भवाली के रास्ते में कैंची धाम पड़ता है। बाबा नीब करौरी ने इस स्थान पर 1964 में आश्रम बनाया था। इन्हीं बाबा नीब करौरी को हनुमान जी का धरती पर दूसरा रूप कहा जाता है। वैसे बाबा का असली नाम लक्ष्मी नारायण शर्मा था। अपनी स्थापना के बाद से अब तक भव्य मंदिर का रूप ले चुके कैंची धाम में मां दुर्गा, वैष्णो देवी, हनुमान जी और राधा-कृष्ण की मूर्तियां हैं। मंदिर में आज भी बाबा जी की निजी वस्तुएं, गद्दी, कंबल, छड़ी वैसे ही सुरक्षित हैं, जैसी उनके जीवन में थीं।

बाबा अलौकिक शक्तियों के स्वामी माने जाते हैं – कहते हैं कि इस मंदिर के संस्थापक बाबा अलौकिक शक्तियों के स्वामी थे, पर वह आडंबरों से दूर रहते थे। उनके माथे पर न त्रिपुंड लगा होता था न गले में जनेऊ और न ही कंठमाला। उन्होंने देह पर साधुओं वाले वस्त्र भी कभी धारण नहीं किए। आश्रम आने वाले भक्त जब उनके पैर छूने लगते थे तो वे कहते थे, पैर मंदिर में बैठे हनुमान बाबा के छुओ।

देश-विदेश में हैं भक्त- कैंची धाम पर श्रद्धा रखने वाले भक्त देश ही नहीं, विदेश में भी हैं। जाने-माने लेखक रिचर्ड एलपर्ट ने मिरेकल ऑफ लव नाम से बाबा पर पुस्तक लिखी है, जिसमें बाबा के चमत्कारों का विस्तार से वर्णन है। कुछ साल पहले फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग भी यहां आए थे। कैंची धाम यात्रा एप्पल के फाउंडर स्टीव जाब्स ने भी की थी और बाबा के दिए सेब को उन्होंने एप्पल कंपनी का लोगो बना दिया।

हिमाचल में संकट मोचन हनुमान धाम-

बाबा नीब करौरी महाराज ने एक धाम नैनीताल जिले के कैंची में बनाया, तो दूसरा हिमाचल में। 1962 में हिमाचल के तत्कालीन लेफ्टिनेंट गवर्नर राजा बजरंग बहादुर सिंह जो भद्री रियासत के राजा थे,  ने बाबा की इच्छा पर यहां मंदिर का निर्माण शुरू करा दिया। 21 जून, 1966 दिन मंगलवार को इसका शुभारंभ हुआ, इसको इतना अद्भुत बनाया गया है कि पर्यटक यहां आए बिना रह ही नहीं पाते हैं।


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