यादविंद्र के बाद अब आशीष पर नजरें

By: Dec 16th, 2017 12:05 am

पालमपुर – संगठनात्मक जिला पालमपुर में लगातार दूसरी बार कांग्रेस की ओर से एक पुत्र को पिता की विरासत आगे बढ़ाने का अवसर मिला है। पिछले विधानसभा चुनावों में पूर्व विधायक मिल्खी राम गोमा के पुत्र यादविंद्र गोमा जयसिंहपुर विधानसभा  क्षेत्र से चुनाव मैदान में उतरे थे। यादविंद्र गोमा ने जीत हासिल कर पिता को मिली हार का बदला लिया था और प्रदेश के सबसे युवा विधायक बनने का गौरव प्राप्त किया था। यादविंद्र गोमा इस बार फिर से चुनावी समर में उतरे हैं और उनके भाग्य का फैसल सोमवार को हो जाएगा। इस बार कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पालमपुर से चार बार विधायक रहे बृज बिहारी लाल बुटेल ने अपनी सीट बेटे आषीश बुटेल के लिए छोड़ी है। हालांकि इस सीट से बीबीएल बुटेल के करीबी रिष्तेदार व मुख्यमंत्री के आईटी सलाहकार गोकुल बुटेल भी कांग्रेस टिकट के सशक्त दावेदार थे, लेकिन आशीष बुटेल टिकट लेने में सफल रहे थे। पालमपुर सीट पर कांगेस की ओर से बुटेल परिवार का ही वर्चस्व रहा है और इस बार आशीष बुटेल को यहां से कांग्रेस ने टिकट थमाई है। ज्वलंत प्रश्न यह है कि क्या पालमपुर की जनता आशीष बुटेल को भी पिता की तरह प्यार व आशीर्वाद देकर पालमपुर की राजनीति में बुटेल परिवार के दबदबे को कायम रखती है। आशीष बुटेल यदि जीतते हैं तो यह लगातार दूसरे चुनाव में दूसरा अवसर होगा जब पिता की पारी को आगे बढ़ाने का मौका पुत्र को मिलेगा।

सुलाह-बैजनाथ में पुराने प्रतिद्वंद्वी

शांता कुमार गंगोत्री के रूप में पहचाने जाते प्रदेश के सबसे बड़े सुलाह विधानसभा क्षेत्र में एक बार फिर पुराने प्रतिद्वंदी आमने-सामने हैं। देखना यह है कि क्या सुलाह की जनता अपनी परंपरा कायम रखती है या फिर नया इतिहास रचा जाता है। अब तक सुलाह के लोग लगातार दूसरी बार किसी उम्मीदवार का साथ कम ही देते आए हैं। लोगों की नजरें इस बात पर टिकी हैं कि क्या कांग्रेस उम्मीदवार पाल इस परिपाटी को बदल पाएंगे। उधर, बैजनाथ विधानसभा क्षेत्र में भी पिछले चुनावों के धुरंधरों में ही मुकाबला है। कांग्रेस के किशोरी लाल और भाजपा के मुल्ख राज प्रेमी आमने-सामने हैं। दावे दोनों ही ओर से जीत के किए जा रहे हैं पर ईवीएम किसका साथ देती है अब यह कुछ ही घंटों में साफ  हो जाएगा।

 


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