लेफ्टिनेंट की वर्दी में हिमाचल के लाड़ले

By: Dec 10th, 2017 12:12 am

इंडियन मिलिट्री अकादमी देहरादून में पासिंग आउट परेड के दौरान पाया अफसर का ओहदा, देश सेवा के लिए तैयार

कोटला चिल्लियां के अतुल सैन्य अधिकारी

धनेटा— उपमंडल नादौन की ग्राम पंचायत कोटला चिल्लियां के गांव नघूं का अतुल शर्मा लेफ्टिनेंट बने हैं। 23 वर्षीय अतुल ने नौ दिसंबर, 2017 को इंडियन मिलिट्री अकादमी देहरादून में हुई पासिंग आउट परेड में यह रैंक हासिल किया है। अतुल शर्मा की प्रारंभिक शिक्षा केंद्रीय विद्यालय चेन्नई व नादौन से, छठी से बारहवीं तक की पढ़ाई सैनिक स्कूल सुजानपुर टीहरा तथा बीएससी नॉन मेडिकल की पढ़ाई राजकीय महाविद्यालय नादौन से वर्ष 2014-15 में की थी। अतुल बचपन से ही पढ़ाई के साथ-साथ खेलों में भी अव्वल रहे हैं। अतुल शर्मा के पिता देवराज शर्मा भी भारतीय नौसेना से पीआरओ स्पेशल पद से सेवानिवृत्त हैं तथा वर्तमान में राजकीय प्राथमिक पाठशाला बटराण में मुख्य शिक्षक हैं। माता लता शर्मा गृहिणी हैं। छोटा भाई अक्षय शर्मा राजकीय महाविद्यालय नादौन में बीएससी अंतिम वर्ष की पढ़ाई कर रहा है। अतुल ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता तथा गुरुजनों को दिया है।

सूबेदार के बेटे राहुल राणा बने लेफ्टिनेंट

दौलतपुर चौक— नगर पंचायत दौलतपुर चौक के जोह गांव के राहुल राणा ने इंडियन आर्मी में लेफ्टिनेंट बनकर प्रदेश का नाम रोशन किया है। शनिवार को उन्होंने आईएमए देहरादून में पासिंग आउट में हिस्सा लिया। राहुल राणा का रविवार सुबह उनके जोह गांव में भव्य स्वागत होगा। राहुल राणा की नर्सरी से लेकर दसवीं तक की शिक्षा एमवीएम स्कूल डंगोह खास में हुई। 2010 में मैट्रिक पास करने के बाद उन्होंने जमा दो नॉन मेडिकल की पढ़ाई 2012 में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला दौलतपुर चौक से की। 2016 में मंडी जिला के एक निजी कालेज से बीटेक की। इसके बाद सितंबर, 2015 में एसएसबी की परीक्षा एसएससी भोपाल में दी और तीन जनवरी, 2017 को उन्होंने आईएमए देहरादून में प्रवेश पाया। राहुल राणा के पिता रविंद्र राणा इंडियन आर्मी में सूबेदार के पद पर कार्यरत हैं, जबकि माता अनिता देवी गृहिणी हैं। उनकी बहन प्रिया राणा जिला ऊना के एक निजी कालेज में असिस्टेंट प्रोफेसर हैं।

ठंबा सलोह के विपुल के कंधे पर सजे स्टार

पालमपुर— उपमंडल पालमपुर के गांव ठंबा डाकघर सलोह के 22 वर्षीय विपुल मोहन शर्मा भारतीय थल सेना में बतौर लेफ्टिनेंट शामिल हो गए हैं। विपुल मोहन शर्मा ने अपनी दसवीं तक की पढ़ाई माउंट कार्मल सीनियर सेकेंडरी स्कूल ठाकुरद्वारा से की। इसके उपरांत राजकीय बहुतकनीकी संस्थान हमीरपुर से इलेक्ट्रिकल में तीन वर्षीय डिप्लोमा किया और 2016 में डीआईटी देहरादून से इलेक्ट्रिकल में बीटेक करने के बाद थल सेना के लिए चयनित हुए। विपुल के पिता प्रदीप शर्मा प्रदेश के शिक्षा विभाग के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कन्या नगरोटा बगवां  में अधीक्षक के पद पर कार्यरत हैं, माता अंजना गृहिणी हैं। इनके परिवार के लोगों के साथ-साथ गांव में भी खुशी की लहर है। विपुल अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता व गुरुजनों को देते हैं, जिनकी बदौलत यह मुकाम हासिल कर पाए हैं।

अंकुर सुहाल ने पूरा किया दादा का सपना

चढियार— कांगड़ा के चढियार के मत्याल गांव के अंकुर सुहाल ने भारतीय थल सेना मे लेफ्टिनेंट बन क्षेत्र व प्रदेश का नाम रोशन किया है। शनिवार को देहरादून में हुई पासिंग आउट समारोह में अंकुर सुहाल ने भारतीय सेना में शपथ ली। अंकुर की इस उपलब्धि से माता-पिता व चढियार क्षेत्र में खुशी की लहर है। अंकुर की प्रारंभिक शिक्षा मैरी कान्वेंट स्कूल कसोली सोलन में हुई है। इसके बाद अंकुर ने अपने प्रयासों से एनडीए टेस्ट उत्तीर्ण कर लिया, एनडीए पास करने के बाद उनका चयन भारतीय थल सेना में हुआ। अंकुर ने तीन साल खड़गवासला पुणे व एक साल का आईएमए देहरादून में प्रशिक्षण लिया और नौ दिसंबर को देहरादून में अंकुर ने पासिंग आउट परेड में भारतीय थल सेना में लेफ्टिनेंट बने। अंकुर के पिता अनिल सुहाल का कसोली में ट्रांसपोर्ट का बिजनेस है तथा उनकी माता सुमन सुहाल गृहिणी हैं। अंकुर के माता-पिता ने बताया कि अंकुर को सेना में जाने की प्रेरणा उनके दादा स्व. बलदेव सिंह सुहाल से मिली, परंतु दुर्भाग्य यह रहा की अंकुर की पासिंग आउट परेड होने से 15 दिन पहले उनके दादा बलदेव सिंह सुहाल का स्वर्गवास हो गया।

राघव आर्मी आर्डिनेंस कोर में

शिमला — राजधानी शिमला के टूटू के राघव गुप्ता ने सेना में लेफ्टिनेंट बन क्षेत्र व प्रदेश का नाम रोशन किया है। राघव सेना के आफिसर ट्रेनिंग अकादमी गया (बिहार) से पासआउट हुए हैं। राघव को आर्मी आर्डिनेंस कोर में कमीशन मिला है। शिमला के टूटू के राघव गुप्ता की दस जमा दो तक की शिक्षा राजधानी के चैप्सली स्कूल से हुई। राघव ने सेना की टेक्निकल एंट्री स्कीम (टीईएस) साल 2013 में एसएसबी के तहत इलाहाबाद से पास की। टीईएस सेना में एनडीए परीक्षा के बराबर मानी जाती है। इस परीक्षा को पास करने के बाद राघव ने सेना की आफिसर ट्रेनिंग अकादमी (ओटीए) गया में जनवरी, 2014 में प्रवेश लिया और यहां सेना की एक साल की पढ़ाई की। इसके बाद इनको मिलिट्री कालेज ऑफ मेकेनिकल एंड इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में भेजा गया, जहां से उन्होंने बीटेक की। राघव गुप्ता ओटीए गया से पासआउट हुए हैं। ओटीए से कुल 135 छात्र पासआउट हुए हैं, जिसमें हिमाचल से चार युवकों को सेना में लेफ्टिनेंट बनने का गौरव हासिल हुआ है। इनमें एक राघव भी शामिल हैं। राघव के पिता संजय गुप्ता मूलतः हमीरपुर के जंगलबेरी से हैं और अब वह टूटू में अपना व्यवसाय कर रहे हैं। माता कमल गुप्ता प्राथमिक स्कूल कुपटू सोलन में अध्यापिका के तौर पर तैनात हैं। राघव की एक छोटी बहन भी है, जो कि दस जमा दो की पढ़ाई कर रही है।


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