वशिष्ठ पब्लिक स्कूल, बहडाला

By: Dec 6th, 2017 12:14 am

दीपक कौशल प्रिंसीपल

वशिष्ठ पब्लिक स्कूल बहडाला जिला व राज्य के साथ-साथ राष्ट्रीय स्तर की गतिविधियों में भी अपनी धाक जमा चुका है। स्टाफ की कड़ी मेहनत व मेधावी छात्रों के दम पर स्कूल ने सात राष्ट्रीय अवार्ड प्राप्त करके अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है। वहीं खेलकूद में इस स्कूल के विद्यार्थी अंतर्राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचे हैं। वशिष्ट पब्लिक स्कूल की शुरूआत 11 वर्ष पहले 2006 में हुई थी। वशिष्ट परिवार ने शैक्षणिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए बहडाला में इसकी नींव रखी थी। परिवार की अथक मेहनत, ईमानदारी व कर्मठ कार्यशैली के चलते अब यह स्कूल क्षेत्र में अपनी विशेष पहचान बना चुका है। वर्तमान में स्कूल में दो हजार से भी अधिक छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं। ऊना जिला के बच्चों के साथ-साथ पड़ोसी राज्य पंजाब के नंगल से भी कई विद्यार्थी वशिष्ट पब्लिक स्कूल बहडाला में शिक्षा ग्रहण करने आते हैं। शिक्षा के ढांचे को मजबूत करने के लिए स्कूल प्रबंधन लगातार सराहनीय प्रयास कर रहा है। जिसके लिए वेल एजुकेटेडेट व ट्रेंड स्टाफ की नियुक्ति की गई है। टीचिंग व नॉन टीचिंग स्टाफ को मिलाकर स्कूल में 110 सदस्यों का स्टाफ है। 50 क्लासरूम विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध है, जिनमें थ्रीडी थियेटर, स्मार्ट क्लासेस जैसी हाईटेक सुविधाएं मौजूद हैं। विद्यार्थियों को आने-जाने में किसी भी दिक्कत का सामना न करने पड़े इसके लिए करीब बीस बसें स्कूल द्वारा चलाई गई हैं। शुरुआत के समय स्कूल नर्सरी से छठी कक्षा तक शुरू हुआ था, उस समय करीब 150 विद्यार्थियों से शैक्षणिक गतिविधियां शुरू की गई थी। वर्तमान में स्कूल में जमा दो तक के विद्यार्थी पढ़ाई करते हैं, जिनकी संख्या करीब दो हजार के करीब है। जमा दो व में कॉमर्स व सांईस स्ट्रीम की कक्षाएं चलती हैं। सांईस के छात्रों के लिए सभी फिजिक्स, कैमिस्ट्री, बायो लैबोरेटरी की व्यवस्था की गई है। वहीं स्कूल में स्थित पुस्तकालय में बच्चों के विषयों व महत्वपूर्ण जानकारियों से संबंधित पुस्तकें भी उपलब्ध है, पुस्तकालय में 12 हजार के करीब पुस्तके हैं। स्कूल कैंपस में नन्हें बच्चों के लिए पार्क बनाया गया है, जिसमें विभिन्न प्रकार के झूलें लगाए गए हैं। स्कूल परिसर पूरी तरह से वाईफाई लैस है।

उपलब्धियां

वीपीएस स्कूल ने राष्ट्रीय स्तर पर सात पुरस्कार प्राप्त किए हैं। जिनमें सत्र 2010 में एक्सीलेंस इन एजुकेशन, सत्र 2011 में भारत विद्या रतन, सत्र 2012 में भारत विभूषण पुरस्कार, सत्र 2013 में राजीव गांधी एजुकेशन, सत्र 2014 में राष्ट्रीय सरस्वती, सत्र 2015 में बेस्ट गुरुकुल तथा सत्र 2016 में फास्टेस्ट ग्रोइंग एजुकेशन एक्सीलेंस अवार्ड शामिल हैं।

क्या कहते हैं प्रधानाचार्य

11 वर्षो में स्कूल ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई है। विद्यार्थियों को शिक्षा के क्षेत्र में सभी सुविधाए प्रदान की जाती हैं। विद्यार्थियों की शिक्षा के साथ-साथ उनकी सेफ्टी, स्वच्छता व स्वास्थ्य का भी विशेष ध्यान रखा जाता है।

—विकास कौंडल, ऊना


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