सिर्फ दो सरकारी स्कूल आग से सेफ

By: Dec 1st, 2017 12:15 am

सिरमौर के 1475 विद्यालयों ने नहीं ली फायर एनओसी, सुप्रीम कोर्ट के आदेश भी कर दिए अनसुने

नाहन  – प्रदेश के सरकारी स्कूलों के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश कोई मायने नहीं रखते। इस बात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जिला सिरमौर में 1477 सरकारी संस्थानों में सिर्फ  दो स्कूलों ने ही फायर की एनओसी ली है। सिरमौर में चल रहे सरकारी स्कूलों में शिक्षा ग्रहण कर रहे छात्र सुरक्षा के लिहाज से पूरी तरह अनसेफ  हैं। इस बात का खुलासा जिला अग्निशमन विभाग ने किया है। जानकारी के मुताबिक जिला में 1477 सरकारी स्कूल और कालेज चल रहे हैं, जिन्हें अग्निशमन विभाग से सुरक्षा के मद्देनजर एनओसी प्राप्त करनी होती है। सिर्फ दो स्कूलों को छोड़कर किसी ने भी यह प्रक्रिया पूरी नहीं की है। अन्य शिक्षण संस्थान यह प्रक्रिया पूरी होना, तो दूर की बात, किसी भी स्कूल ने इस संबंध में जिला अग्निशमन विभाग के पास आवेदन तक नहीं किया है। ऐसे में चौंकाने वाली बात यह है कि सरकारी स्कूलों में अग्निशमन विभाग द्वारा समय-समय पर निरीक्षण किया जाता है और जिस स्कूल में विभाग से मिलने वाली सुविधा न हो, वे स्कूल सुरक्षा के मद्देनजर पूरी तरह अनसेफ हैं। वहीं सरकारी स्कूलों के मुकाबले निजी स्कूलों में पढ़ रहे बच्चे पूरी तरह सुरक्षित हैं, क्योंकि निजी स्कूलों में शिक्षा ग्रहण कर रहे छात्र विभाग द्वारा जारी की गई एनओसी प्राप्त स्कूल हैं। जानकारी के मुताबिक सरकारी स्कूलों में जबसे मिड-डे मील योजना प्रारंभ हुई है, तब से सुरक्षा के मद्देनजर जिला अग्निशमन विभाग को आवेदन कर सुरक्षा संबंधी उपकरण स्कूल में लगवाने होते हैं। जिला अग्निशमन अधिकारी मेहर सिंह ने बताया कि जिला सिरमौर में केवल दो सरकारी स्कूलों के पास फायर की एनओसी है, जबकि जिला में सभी निजी स्कूलों ने एनओसी ली है। शिक्षा उपनिदेशक एलिमेंटरी दलीप सिंह नेगी ने बताया कि कई बार बजट के अभाव में सरकारी स्कूल अग्निशमन यंत्र नहीं खरीद पाते हैं। उन्होंने बताया कि इस बारे में विभाग को लिखा गया है कि सभी स्कूलों को अग्निशमन यंत्र के लिए बजट का प्रावधान किया जाए। वहीं जिला सिरमौर में कुल 1477 स्कूल और कालेज चल रहे है। इनमें 1037 प्राइमरी स्कूल, 188 मिडल स्कूल, 94 हाई स्कूल, 146 वरिष्ठ माध्यमिक पाठशालाएं तथा 12 महाविद्यालय चल रहे हैं।

प्राइवेट को बिना एनओसी नहीं मान्यता

हिमाचल प्रदेश निजी संघ के जगदीश ठाकुर का कहना है कि निजी स्कूलों के मापदंडों की बात करें, तो प्रति दो वर्ष के बाद निजी स्कूल प्रबंधन को मान्यता प्राप्त संबंधी दस्तावेज पूरे करने होते हैं। इसमें अग्निशमन विभाग से एनओसी प्रमुखता से लगाई जाती है। स्कूल प्रबंधन अगर इस एनओसी को नहीं लगाता है, तो निजी स्कूल को मान्यता प्राप्त नहीं होती है। वहीं सरकारी स्कूल प्रदेश सरकार के अधीन होने के बावजूद मापदंडों को पूरा करने में पूरी तरह विफल हैं।

 


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