असमानता की नई बानगी

By: Jan 28th, 2018 12:15 am

ऑक्सफैम के अनुसार भारत के आर्थिक विकास का फायदा कुछ ही लोगों को लगातार मिल रहा है। ऑक्सफैम की रिपोर्ट यह संकेत भी देती है कि यह असमानता का फैलाव लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं के समक्ष एक गंभीर चुनौती का रूप लेता जा रहा है…

आंकड़ों में होते विकास के दावों के बीच असमानता के घातक फैलाव सामाजिक स्थिति को भयावह बनाते जा रहे हैं। यदि समय रहते आय के केंद्रीकरण की समस्या पर ध्यान नहीं केंद्रित किया गया, तो यह देश और उसकी व्यवस्था को गंभीर नुकसान पहुंचा सकती है। विभिन्न स्रोतों से आ रहे आंकडे ये बताते हैं कि भारत सहित पूरी दुनिया में जहां अमीर और भी अमीर होते जा रहे हैं, वहां जनसंख्या के एक बडे़ हिस्से की पूरी ऊर्जा रोजी-रोटी के जुगाड़ में ही समाप्त होती जा रही है।

 अंतरराष्ट्रीय संगठन ऑक्सफैम के नए सर्वेक्षण के मुताबिक भारत में उत्पन्न संपत्ति का 73 प्रतिशत हिस्सा देश के एक प्रतिशत सबसे अमीर लोगों के हिस्से में चला गया। पिछले साल भारत के अरबपतियों की लिस्ट में 17 नए नाम शामिल हो गए। अब भारत में अरबपतियों की संख्या 101 हो गई है। बीते साल इनकी कुल संपत्ति में 20.7 लाख करोड़ की बढ़ोतरी हुई, जो भारत सरकार के वर्तमान बजट के बराबर है, पिछले साल यह रकम 4.89 लाख करोड़ रुपए थी।

सर्वेक्षण के मुताबिक वैश्विक स्तर पर भी असमानता का मुद्दा दिन-ब-दिन गंभीर होता जा रहा है। पिछले साल विश्व में कुल उत्पन्न संपत्ति का 82 प्रतिशत हिस्सा सिर्फ एक प्रतिशत सबसे अमीर लोगों के पास गया। उधर, दुनिया के 370 सबसे गरीब करोड़ लोगों की संपत्ति में कोई वृद्धि नहीं हुई। रिपोर्ट के अनुसार अरबपतियों की संख्या में अभूतपूर्व बढ़ोतरी हुई। है। हर दो दिनों में एक नया आदमी अरबपति बना।  2010 से अरबपतियों की संपत्ति में सालाना 13 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। वहीं, सामान्य कामगारों को मिलने वाली मजदूरी के लिए यह आंकड़ा महज दो प्रतिशत रहा। ऑक्सफैम के अनुसार भारत के आर्थिक विकास का फायदा कुछ ही लोगों को लगातार मिल रहा है।

ऑक्सफैम की रिपोर्ट यह संकेत भी देती है कि यह असमानता का फैलाव लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं के समक्ष एक गंभीर चुनौती का रूप लेता जा रहा है। विषमता बढ़ने पर लोकतंत्र को भीड़तंत्र में बदलने का खतरा बढ़ जाता है। इसके अतिरिक्त बेरोजगारी के कारण आतंकवाद और आपराधिक घटनाओं के अधिक होने की संभावना भी बढ़ जाती है।


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