इधर सूखे से निपटने के लिए बैठक, उधर बारिश-बर्फबारी

By: Jan 24th, 2018 12:04 am

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने संबंधित विभागों को दिए हर स्थिति से निपटने के निर्देश

शिमला—  इसे कुदरत का करिश्मा ही कहा जाएगा कि जयराम सरकार जब सचिवालय में सूखा राहत के लिए उच्च स्तरीय बैठक कर रही थी तो वहीं प्रकृति ने पर्वतीय क्षेत्रों में बर्फ की सफेद चादर ओढ़ा दी, जबकि मैदानी इलाकों में बारिश ने समां बांध दिया। सरकार ने सूखे की स्थिति की गंभीरता को देखते हुए मंगलवार को बैठक भी की। बैठक में कहा गया कि प्रदेश के सात जिले चंबा, शिमला, सोलन, हमीरपुर, बिलासपुर, ऊना तथा सिरमौर सूखे के कारण सर्वाधिक प्रभावित हुए हैं। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि बागवानी, कृषि, सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य तथा पशु पालन संबद्ध विभागों को किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहना चाहिए तथा पहले से ही सभी प्रबंध सुनिश्चित करने चाहिए। पेयजल की समस्या के साथ-साथ पशुओं के चारे की कमी भी सामने आ सकती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि पर्याप्त वर्षा व बर्फबारी नहीं हुई तो जलापूर्ति योजनाओं पर भी प्रभाव पड़ेगा। इसलिए आईपीएच को नए हैंडपंप स्थापित करने तथा पानी के टैंकों से आपूर्ति करने के लिए तैयार रहना चाहिए। बैठक में बताया गया कि फसल के नुकसान के लिए किसानों को राहत प्रदान करने, पेयजल आपूर्ति, पशुओं के लिए पर्याप्त चारा व पानी उपलब्ध करवाने के लिए राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल को पर्याप्त धन राशि की आवश्यकता होगी। उन्होंने कहा कि पेयजल स्रोतों को दूषित होने से बचाने के लिए एतिहाति उपाय भी किए जाने चाहिए तथा पीलिया जैसी जलजनित बीमारियों से बचाव के लिए बड़े स्तर पर जिलों में सुपर क्लोरीनेशन की प्रक्रिया भी आरंभ की जानी चाहिए। आईपीएच मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने हितधारक विभागों से सूखे की स्थिति में चारे के लिए आपातकालीन योजना तैयार करने का मुद्दा उठाया। मुख्य सचिव विनीत चौधरी ने कहा कि सभी उपायुक्त शीघ्र धन से संबंधित मांगों को प्रस्तुत करें, ताकि निधि समय पर उपलब्ध करवाई जा सके। अतिरिक्त मुख्य सचिव डा. श्रीकांत बाल्दी, अतिरिक्त मुख्य सचिव मनीषा नंदा, प्रधान सचिव राजस्व ओंकार शर्मा भी बैठक में उपस्थित रहे।

पर्यटन में रूस की मदद लेगा हिमाचल

शिमला— मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा है कि हिमाचल सरकार पर्यटन विकास तथा जल संरक्षण में रूस सरकार के साथ कार्य करने पर विचार कर रही है। सरकार निवेश, तकनीक, सड़क अधोसंरचना तथा सांस्कृतिक क्षेत्र में भी रूस सरकार से सहायता लेगी। मुख्यमंत्री मंगलवार को रूस से आए ब्रिक्स अंतरराष्ट्रीय मैत्री प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक में बोल रहे थे। सीएम ने कहा कि किसानों को पर्याप्त सिंचाई सुविधा उपलब्ध करवाना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है, जिसके लिए वर्षा जल संरक्षण की आवश्यकता है, ताकि मिट्टी के बहने पर भी रोक लग सके। प्रदेश में केंद्र की 69 सड़क परियोजनाओं से अब दो-तीन वर्षों में यह कार्य आसानी से पूरे हो सकेंगे। ब्रिक्स अंतरराष्ट्रीय मैत्री (रूस) प्रधान लरीसा जेनेटेस्लोवा ने इससे पूर्व मुख्यमंत्री को बताया कि रूसी सरकार पर्यटन, सड़क संपर्क, रोप-वे तथा सांस्कृतिक जैसे विभिन्न क्षेत्रों में हिमाचल प्रदेश के साथ कार्य करने को सहमत है।


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