ओला और स्नोफाल

By: Jan 14th, 2018 12:02 am

कैसे गिरने लगे  ओले आओ तुम्हें बताएं कि यह कैसे बनाते हैं होता क्या है जब बादलों से वर्षा की बूंदे गिरती हैं धरती पर तो हवा उन्हें फिर तेजी से ऊपर ले जाती है। अब वहां होती है बहुत सर्दी अब यह मासूम वर्षा की बूंदे बन जाती हैं बर्फ  जब नीचे गिरने लगती है। यानी कि धरती के पास तो पानी की परत इनके ऊपर जमा होती जाती है और यह गोले बन जाते हैं।

जब यह ठंडी जगह से होकर निकलते हैं, तो ओले बन जाते हैं अब यह इतने मोटू हो जाते हैं की अब हवा कितनी कोशिश करे इन्हें ऊपर नहीं ले जा पाती। कभी-कभी तो यह कई-कई किलो के भी हो जाते हैं जैसे 14 अपै्रल 1986 को बंगला देश के गोपाल गंज जिले में 1.02 किलोग्राम के वजन के ओले गिरे थे

अमरीका के काफी विलो और केंसास नगर में 3 दिसंबर 1970 में 750 ग्राम वजन के ओले पड़े उन ओलों का व्यास 19 सेंटीमीटर तक था। जर्मनी के एक्सन नामक नगर में जब ओले गिरे तो अंदर एक मछली भी जमी हुई मिली इनके होने से फसल खराब हो जाती है पर यह बेमौसम बर्फ का मजा भी देते हैं।


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