कुल्लू की सांसों में जंगलों का धुआं

By: Jan 14th, 2018 12:05 am

 भुंतर – जिला कुल्लू के जंगलों में भड़की आग के धुंए ने देवभूमि कुल्लू के हालात पंजाब-हरियाणा-दिल्ली की तरह कर दिए हैं। जंगली आग के धुएं के कारण जिला में विजिविलिटी की समस्या पैदा हो गई है तो साथ ही खतरनाक धुएं से लोगों को स्वास्थ्य संबंधित दिक्कतें पैदा हो रही हैं। जिला कुल्लू के जंगलों में हर रोज असामाजिक तत्त्वों द्वारा आग की चिंगारी सुलगाई जा रही है। आग के धुएं ने जमीन से आमसान तक व्यवस्था प्रभावित कर दी है। धुएं के चलते हवाई सेवा प्रभावित हो रही है तो जमीन पर लोग अब धुएं के चलते बीमारियों की चपेट में आने लगे हैं। पूरे वातावरण में आग का धुआं ही नजर आ रहा है। स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जिला कुल्लू में पिछले एक माह में बड़ी संख्या में आंख और सांस की शिकायतें लेकर लोग अस्पताल और स्वास्थ्य केंद्रों में पहुंच रहे हैं। दूसरी ओर जिला अग्निशमन विभाग के आंकड़ों के अनुसार दर्जनों मामले वनाग्नि के ऐसे दर्ज हुए हैं, जिसमें लाखों-करोड़ों का नुकसान हुआ है। धुएं से राहत के लिए अब केवल बारिश का सहारा है, लेकिन उसकी भी आने वाले दिनों में उम्मीद कम दिख रही है। स्वास्थ्य विभाग के विशेषज्ञों की मानें तो आग के इस धुएं से सांस से जुड़ी समस्याएं सबसे ज्यादा होती हैं तो आंखों में जलन और सूजन की दिक्कत भी पेश आती है। जानकारों के अनुसार अस्थमा के मरीजों के लिए इस प्रकार का मौसम जानलेवा होता है। वहीं, जंगल की इस आग से जमीन की नमी भी कम हो जाती है और मौसम चक्र प्रभावित हो रहा है। पर्यावरण विशेषज्ञों के अनुसार जंगल के धुएं से केवल दो से तीन घंटों में उतना प्रदूषण फैलता है, जितना सामान्य हालात में एक साल में इसका स्तर होता है। जिला के एक खंड स्वास्थ्य अधिकारी डा. रणजीत ठाकुर कहते हैं कि जंगलों का धुआं स्वास्थ्य पर बुरा असर डालता है और धुएं के कारण आंख और सांस की शिकायत लेकर कुछ मरीज स्वास्थ्य जांच के लिए भी पहुंच रहे हैं।


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