गोसदन की दो साल पुरानी योजना पर हलचल

By: Jan 23rd, 2018 12:05 am

प्रशासनिक अधिकारियों ने किया जगह का मुआयना, 48 लाख के जुगाड़ को नजरें सरकार पर

नगरोटा बगवां  – नगरोटा बगवां नगर परिषद क्षेत्र को आवारा पशुओं से मुक्त बनाने के लिए दो साल से लंबित योजना पर प्रशासनिक हलचल एक बार फिर पुनः तेज हो गई। अपने चुनावी वादे को पूरा करने के लिए स्थानीय विधायक की पहल पर सोमवार को स्थानीय एसडीएम सिद्धार्थ आचार्य, नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी चमन कपूर ने अन्य अधिकारियों के साथ गोसदन के लिए चिन्हित स्थल का दौरा किया। प्रशासन ने राजस्व विभाग को इसी हफ्ते भूमि की निशानदेही कर बाड़बंदी के निर्देश जारी कर दिए। हालांकि उच्च न्यायालय के सितंबर 2014 के आदेशों के बाद स्थानीय नगर परिषद ने अप्रैल 2015 से ही इस दिशा में अपने प्रयास शुरू कर दिए थे, लेकिन इच्छाशक्ति व धन के अभाव में आज तक इसके प्रयास सिरे नहीं चढ़ सके। क्षेत्र में न्यायालय के आदेशों तथा स्थानीय निकाय की मांग पर जिला प्रशासन ने अप्रैल 2016 में इसकी मंजूरी दे दी थी। नगर परिषद ने मौजा घोड़व महाल मटियारी में खसरा नंबर 363 -314 1 के तहत 19 हेक्टेयर भूमि अप्रैल 2016 को ही शहरी विकास विभाग के नाम हस्तांतरित कर दी तथा 50 पशुओं की क्षमता वाले सदन के निर्माण हेतु विस्तृत प्रारूप तथा आकलन मई 2016 को जिला के वरिष्ठ वैटरिनरी अधिकारी को भी जमा करवा दिया था, लेकिन योजना को अमलीजामा पहनाने हेतु किसी भी स्तर पर ठोस पहल न हो, पाने तथा निर्माण के लिए वांछित 40 लाख के रोकड़े की व्यवस्था न हो पाने से योजना कागजों में ही सिमट कर रह गई। दो दिन पहले ही अधिकारियों की एक विशेष बैठक में आवारा पशुओं का मुद्दा हावी हुआ, तो स्थानीय विधायक ने योजना को अमली जामा पहनाने के निर्देश जारी कर प्रशासन को एक बार फिर सतर्क कर दिया है। उन्होंने गोसदन के संचालन को प्रति माह अपनी कमाई से पांच हजार रुपए देने का भी ऐलान किया। प्रशासन ने भरोसा दिलाया कि शीघ्र ही गोसदन के निर्माण का रास्ता प्रशस्त होगा।


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