ग्लूटेन एलर्जी के लक्षण

By: Jan 20th, 2018 12:05 am

इनसान सदियों से रोटी खाता आ रहा है इसलिए यह सोचना भी मुश्किल है कि किसी को रोटी से एलर्जी हो सकती है। बहुत से लोग गेहूं में मिलने वाले प्रोटीन ग्लूटेन को पचा नहीं सकते। जानिए ग्लूटेन एलर्जी के लक्षणों के बारे में।

पाचन में दिक्कत

किसी को अकसर कब्ज रहती है, तो किसी को दस्त। बहुत से लोग गैस की शिकायत करते हैं, कुछ को एसिडिटी की समस्या रहती है। अगर आपके साथ भी ऐसा है, तो 3-4 हफ्ते के लिए गेहूं वाले उत्पाद खाना बंद करें और देखें कि क्या कोई फर्क पड़ता है। अगर आपको बदलाव महसूस होता है, तो यह ग्लूटेन एलर्जी का संकेत है।

लाल चकत्ते

ऐसा किसी भी तरह की एलर्जी में हो सकता है। त्वचा का लाल होना पहला संकेत होता है कि शरीर में कुछ ऐसा गया है, जिसे वह स्वीकार नहीं रहा। चकत्ते होने पर पहले ठीक से सोचें कि आपके खान-पान में हाल फिलहाल में क्या बदलाव हुए हैं। फिर उस चीज को कुछ दिनों के लिए न खाएं और देखें कि इससे फर्क  पड़ता है या नहीं।

बातें भूलना

अगर आपको लगता है कि आप भुलक्कड़ होते चले जा रहे हैं, बात- बात पर असमंजस में पड़ जाते हैं, आपके लिए कहीं भी ज्यादा देर तक ध्यान लगाना मुश्किल हो रहा है, तो जरूरी है कि आप डाक्टर के पास जाएं। केवल भुलक्कड़ होना ग्लूटेन एलर्जी का संकेत नहीं है, लेकिन इसे टेस्ट कराने की एक वजह जरूर है।

हाथों- पैरों का सो जाना

यह एक आम समस्या है और डायबिटीज के मरीजों में भी काफी देखने को मिलती है, लेकिन यदि बाकी के संकेतों के साथ -साथ आपके साथ ऐसा भी हो रहा है, तो इस ओर ध्यान दें। जौं, बाजरा और कुट्टू के आटे में ग्लूटेन नहीं होता। इन विकल्पों को भी आजमा कर देखें।

सिरदर्द

ग्लूटेन एलर्जी वाले अधिकतर लोग सिरदर्द और माइग्रेन जैसी समस्याओं से परेशान रहते हैं। हर तरह के इलाज करने के बाद भी अगर सिरदर्द ठीक नहीं हो रहा है, तो बहुत मुमकिन है कि आपकी खाने की आदतें इसके लिए जिम्मेदार हैं। कुछ दिन रोटी, ब्रेड इत्यादि का सेवन छोड़ कर देखें और डाक्टर को इस बारे में बताएं।

थकावट

अगर ठीक-ठाक खाना खाने के बाद भी आपको चक्कर आते हैं, सिर भारी रहता है और आप थका हुआ सा महसूस करते हैं, तो यह भी ग्लूटेन एलर्जी की ओर इशारा करता है। अपनी जांच कराएं। अगर ब्लड प्रेशर या खून की कमी इसका कारण नहीं है, तो ग्लूटेन एलर्जी की जांच की ओर बढ़ें।

ध्यान न लगना

खास कर बच्चों में यह देखा जाता है कि वे क्लास में ध्यान नहीं लगा पाते। इसे एडीएचडी यानी अटेंशन डेफिसिट हाइपर एक्टिविटी डिसऑर्डर कहा जाता है। बचपन में ही ग्लूटेन एलर्जी का पता लगना जरूरी भी है ताकि एक स्वस्थ जीवन व्यतीत किया जा सके।

डिप्रेशन

अवसाद के कई कारण हो सकते हैं। लेकिन अगर खाना इसे बिगाड़ रहा है, तो जरूरी है कि इससे निजात पाया जाए। अगर आप इस सूची में दिए गए 4-5 लक्षणों से प्रभावित हैं, तो डाक्टर से सलाह लें।

 


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