ग्वालापुर सरकारी स्कूल; मंडे को इंग्लिश में बात..हर बच्चे का अलग होम स्टडी प्लान

By: Jan 17th, 2018 12:10 am

मंडी— प्रदेश में ‘बढ़ते कदम’ से स्कूलों में शैक्षणिक स्तर में बदलाव होगा। शिक्षा विभाग की सकारात्मक ऊर्जा को पूरे प्रदेश में पहुंचाने के लिए विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से कदम बढ़ा दिए गए हैं। कार्यक्रम समस्त स्कूलों में शुरू करना अनिवार्य है। करसोग-एक खंड के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला ग्वालापुर ने इस दिशा में कदम बढ़ा दिए हैं। स्कूल मंडी जिला से करीब 150 किमी की दूरी पर है। पाठशाला की दशा व दिशा बदलने के लिए स्कूल प्रबंधन ने काफी प्रयास किए हैं। प्रदेश में यह एकमात्र ऐसा स्कूल है, जहां निजी स्कूलों की भांति तमाम गतिविधियां आयोजित की जा रही हैं। स्कूल प्रधानाचार्य तिलकराज शर्मा ने यह मुहिम स्कूल में शुरू की है। ‘बढ़ते कदम’ नामक कार्यक्रम की एक नई शुरुआत मीनाक्षी कपूर डाईट मीडिया ने बताया कि कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य विभाग की सकारात्मक ऊर्जा को समस्त स्कूलों में फैलाकर नया मुकाम हासिल करना है। आरएमएसए परियोजना अधिकारी मोहिंद्र पाल ठाकुर का कहना है कि इस तरह के सफल प्रयास हमारी पाठशालाओं में बहुत आवश्यक है। उन्होंने इसके लिए स्कूल के प्रधानाचार्य तिलकराज शर्मा को बधाई दी है।

पौधे लगाने के लिए छात्रों में बांटी गई है एक-एक फीट जमीन

स्कूल में शिक्षण अधिगम विधि की प्रभावी बनाने के लिए समूह सीखना विधि, परस्पर सहयोग विधि, ट्यूटोरियल लर्निंग तथा परियोजना विधि  को कक्षा कक्ष का हिस्सा बनाया गया है। इसके लिए कक्षा वार समूहों का रोचक नामकरण किया गया है। इससे बच्चे अब सीखने की जिम्मेदारी ले रहे हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि बच्चे हमेशा आधे वृत या पूरे वृत में समूह में बैठते हैं। शिक्षण अधिगम प्रकिया तथा मूल्यांकन को सुनिश्चित करने के लिए हर बच्चे की प्रोफाइल यानी सारा रिकार्ड (एक फाइल में) बनाया गया है। सभी बच्चों का होम स्टडी प्लान बनाया जाता है। शिक्षक व बच्चे मिलकर पढ़ाई के लिए लक्ष्य निर्धारित करते हैं। पहाड़े तीन बजे के बाद खेल-खेल में याद करवाए जाते हैं। स्कूल को सुंदर बनाने के लिए हर बच्चे को एक फुट की जगह आबंटित की गई है, जहां प्रत्येक बच्चे ने पौधा लगाया है।

पढ़ाई में कमजोर बच्चों के लिए अतिरिक्त कक्षाएं लगाई जा रही हैं। छुट्टी वाले दिन ऐसे बच्चों को स्कूल बुलाकर पढ़ाई करवाई जाती है। करीब 22 दिन लगातार सीखने की कार्यशालाएं आयोजित की गईं।  इससे 80 फीसदी बच्चों को सामान्य बच्चों के साथ मुख्यधारा में जोड़ने में सफलता मिली है। अंग्रेजी भाषा को सुदृढ़ और इसमें सभी को महारत हासिल हो, इसके लिए समस्त अध्यापक व बच्चे हर सोमवार को अंग्रेजी में ही बातचीत करते हैं। सुबह की सभा भी अंग्रेजी में ही होती है। यह अनिवार्य है। विद्यार्थियों के लिए गृह कार्य डायरी शुरू की गई है, जिसमें कक्षा अध्यापक सुनिश्चित करते हैं कि सभी विषयों का कार्य मिले और अभिभावक बच्चों की कापी में हस्ताक्षर करें, अगर कोई नहीं करके लाता है, तो उससे स्कूल में तीन बजे के बाद करवाया जाता है।


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