देश में लोकतंत्र खतरे में

By: Jan 13th, 2018 12:04 am

सुप्रीम कोर्ट विवाद पर बोली कांग्रेस, जजों की प्रेस कान्फ्रेंस से हलचल

नई दिल्ली— उच्चतम न्यायालय के चार न्यायाधीशों द्वारा इस न्यायालय के कार्यकलाप को लेकर शुक्रवार को प्रेस कान्फ्रेंस करने पर कांग्रेस तथा कई वरिष्ठ विधि विशेषज्ञों ने चिंता जाहिर की है। सुप्रीम कोर्ट के चार वरिष्ठ जजों का सीजेआई पर शुक्रवार को लगाए गंभीर आरोप को कांग्रेस ने लोकतंत्र को खतरे में होना बताया है। गौरतलब है कि आजादी के बाद देश में पहली बार सुप्रीम कोर्ट के चार जजों ने शुक्रवार को प्रेस कान्फ्रेंस कर हलचल मचा दी। कांग्रेस ने अपने आधिकारिक ट््विटर पेज पर देश के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों द्वारा न्यायालय के कामकाज को लेकर पहली बार प्रेस कान्फ्रेंस करने पर चिंता जताई और कहा कि यह लोकतंत्र के लिए खतरनाक है। पार्टी ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के कार्यकलापों पर कोर्ट के चार जजों की प्रेस कान्फ्रेंस चिंताजनक है। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी ने कहा कि हम प्रेस कान्फ्रेंस करने वाले न्यायाधीशों की आलोचना नहीं कर सकते। चारों न्यायाधीशों का अपने क्षेत्र में बहुत बड़ा योगदान है। हमें हर हाल में उनका सम्मान करना है। अब प्रधानमंत्री को यह सुनिश्चित करना चाहिए चारों न्यायाधीश और मुख्य न्यायधीश एक विचार के साथ और एक होकर काम करें। उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश मुकुल मुदगन ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों के समक्ष प्रेस कान्फ्रेंस करने के सिवा कोई विकल्प नहीं था तो कुछ गंभीर बात जरूर रही होगी, लेकिन न्यायमूर्ति लोया मामले से इसका क्या संबंध हो सकता है। मैं इस बारे में कुछ नहीं जानता हूं और न ही मैं किसी राजनीतिक मुद्दे पर कोई टिप्पणी करना चाहता हूं। पूर्व सॉलिसीटर जनरल सोली सोराबजी ने कहा कि न्यायाधीशों की प्रेस कान्फ्रेंस से निराश हूं। उच्चतम न्यायालय में विभाजक स्थिति नहीं होनी चाहिए। उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता केटीएस तुलसी ने कहा कि न्यायाधीशों के इस कदम से न्यायपालिका में बदलाव आएगा। उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय का मामला लोगों के विश्वास से जुड़ा है और यह दुखद है। वरिष्ठ अधिवक्ता इंदिरा जयसिंह ने न्यायाधीशों के इस का स्वागत करते हुए कहा कि देश की जनता को यह जानने का हक है कि उच्चतम न्यायालय में क्या चल रहा है। इससे देश की सबसे बड़ी अदालत के भीतर जो कुछ चल रहा है वह सबके सामने आएगा। उधर, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उच्चतम न्यायालय में हाल ही के घटनाक्रम पर चिंता व्यक्त की है।  सुश्री बनर्जी ने कहा कि न्यायपालिका और मीडिया लोकतंत्र के स्तंभ हैं और  न्यायपालिका के काम में  केन्द्र सरकार का हस्तक्षेप लोकतंत्र के लिए एक बड़ा खतरा है।


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