नाले में मलबा फेंकने पर बिफरे

By: Jan 23rd, 2018 12:07 am

अर्की – उपमंडल के बातल चौक से शालाघाट तक लोकनिर्माण विभाग द्वारा सड़कों को चौड़ा करने के लिए की गई कटाई के मलबे को अवैध रूप से नालों में गिराने के खिलाफ बातल पंचायत के निवासियों ने मोर्चा खोल दिया है। इस संदर्भ में शिकायत पत्र लेकर राकेश कुमार बीडीसी सदस्य की अगवाई में एक प्रतिनिधिमंडल मोहन लाल शर्मा नायब तहसीलदार अर्की से मिला। स्थानीय लोगों का कहना है कि ठेकेदारों द्वारा जो कटाई करने के पश्चात मलबा निकल रहा है,उसे सरकारी भूमि व नालों में खपाया जा रहा है। यहां तक कि वन विभाग की नाक के नीचे वन चौकी व नर्सरी लाडे की बाएं के नाले व कालेज के पास के नाले में सड़क चौड़ी करने से निकले मलबे को सरेआम गिराया जा रहा है,  जिसके कारण बातल पंचायत व बातल ग्राम को प्राकृतिक पेयजल उपलब्ध करवाने वाले प्राकृतिक जल स्त्रोत को दबने का खतरा हो गया है व जगह-जगह नए उगने वाले पौधो का समूल नाश व बड़े पेड़ सूखने लगे हैं। स्थानीय लोगों में रोष व्याप्त है कि यदि कोई ग्रामीण अपने भवन निर्माण का मलबा निर्धारित जगह के बजाय सड़क के किनारे फेंकता है, तो लोकनिर्माण विभाग व वन विभाग तुरंत कार्रवाई करते हुए भारी भरकम जुर्माना लगा देता है, लेकिन टनों मलबे के कारण हुए नुकसान के बाद भी दोनों विभाग खामोश हैं। हालांकि विभाग बावड़ी के बिलकुल नजदीक एक ओर चेकडैम बनाने लगा है, परंतु टनों मलबे के आगे यह चेकडैम भी कुछ नहीं है। एक ओर सरकार प्राकृतिक स्त्रोतों को बचाने के लिए वचनबद्ध है , वहीं दूसरी ओर जिस विभाग को जल, जंगल, पर्यावरण बचाने का जिम्मा दिया गया है, वह सब कुछ देखते हुए भी खामोश है। ग्राम पंचायत बातल लोगों ने सरकार से मांग की है कि इस मामले की जांच की जाए कि वन भूमि पर मलबा कैसे गिराया जा रहा है। उधर, मोहन लाल शर्मा नायब तहसीलदार ने बताया कि शिकायत पत्र मिला है। शिकायत की जांच कर उचित कार्रवाई करने के लिए पुलिस स्टेशन अर्की को भेज दिया गया है। वहीं गंगा राम नेगी थाना प्रभारी ने बताया कि शिकायत पत्र मिला है पर मलबा गिरने वाले वाहनों के नंबर न होने के कारण कार्रवाई नहीं हो सकती है।


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