नाहन और बिलासपुर में हैं बिरोजा फैक्टरियां

By: Jan 31st, 2018 12:05 am

जंगल जो थोड़ी मात्रा में है, चील के हैं और उनके व्यापारीकरण के लिए नाहन और बिलासपुर में बिरोजा फैक्टरियां लगाई गई हैं। इसके अतिरिक्त इस क्षेत्र में चूने का पत्थर पर्याप्त मात्रा में मिलता है…

गतांक से आगे…

प्राकृतिक खंड

ये घनी जनसंख्या वाले क्षेत्र हैं। इस क्षेत्र में रहने वाले लेगों का मुख्य व्यवसाय कृषि है और मुख्य बोई जाने वाली फसलें धान, गंदम, मक्की, चने, तिल व दालें हैं। कहीं-कहीं घाटियों में गन्ना और पंजाब के साथ लगते क्षेत्र में कपास भी बोई जाती है। मुख्य फलों में आम और  नींबू प्रजाति के फल हैं। इस खंड में जंगल व चरागाह कम हैं, पंरतु बिलासपुर और ऊना में बग्गड़ घास काफी मात्रा में पाई जाती है, जो अखबारी कागज बनाने के काम आ सकती है।  जंगल जो थोड़ी मात्रा में हैं, चील के हैं और उनके व्यापारीकरण के लिए नाहन और बिलासपुर में बिरोजा फैक्टरियां लगाई गई हैं। इसके अतिरिक्त इस क्षेत्र में चूने का पत्थर पर्याप्त मात्रा में मिलता है। इसी कारण बिलासपुर में गागल सोलन में दाड़लाघाट और सिरमौर के राजबन में सीमेंट फैक्टरियां लगाई जाती हैं। इसके अतिरिक्त इसमें रेत और  पत्थर की खाई पाई जाती है। इस खंड में अधिकतर छोटी-छोटी खड्डें और चो पाए जाते हैं, जो धरती के अधिकतर नंगा व ढीली होने के कारण वर्षा के दिनों में भूमि कटाव के कारण बनते हैं। इस खंड में वर्षा की औसत 150 और 175 सेंटीमीटर के मध्य है। इस क्षेत्र में यातायात के पर्याप्त साधन हैं। 1990 के दशक के उपरांत इस क्षेत्र का शहरीकरण तीव्रगति से हुआ है।


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