पांवटा पहुंचे पांच हजार परिंदे

By: Jan 8th, 2018 12:20 am

कम सर्दी ने रोकी मेहमानों की आसन बैराज के लिए उड़ान

पांवटा साहिब— जैसे-जैसे मौसम में ठंडक घुलती थी, पांवटा में विदेशी मेहमान पक्षियों की तादाद में इजाफा होने लगता था, लेकिन इस बार कम सर्दी ने पक्षियों की उड़ान आसन बैराज के लिए रोक दी है। यही कारण है कि इस बार जनवरी तक सिर्फ पांच हजार परिंदे ही झील के आसपास पहुंचे हैं। यह लगातार दूसरा साल है, जब पक्षियों की यहां आमद कम हुई है, जबकि 2016 में जनवरी तक यहां करीब नौ हजार प्रवासी व स्थानीय पक्षी पहुंचे थे। पक्षी विशेषज्ञ इसका सबसे बड़ा कारण कम सर्दी और बारिश न होना बता रहे हैं। पांवटा से महज तीन किलोमीटर दूर उत्तराखंड के वेटलैंड, आसन बैराज में विदेशी पक्षियों की कलरव से गूंज रहा है। यहां पर सुर्खाव व पिनटेल्स समेत करीब 25 विदेशी प्रजातियों और करीब 45 लोकल प्रजातियों के प्रवासी पक्षियों ने डेरा डालना शुरू कर दिया है। विभाग के मुताबिक अभी तक 70 से अधिक प्रजातियों के करीब 5200 पक्षी बैराज पर पहुंच चुके हैं और यहां झील व आसपास जलक्रीडा करते देखे जा सकते हैं। हालांकि पक्षियों का आना अभी जारी है, लेकिन दो साल पहले के मुकाबले इनकी तादाद इस बार भी बहुत कम हुई है। इस बार शेल्डक, पिनटेल्स, रूडी, यूरेशिन, शॉव्लर, रेड ग्रेस्टर, पोचार्ड, डक, टफ्ड, स्पॉट बिल, मोरगेन, टील, डकेकॉमन व पांड आदि पक्षी भारी संख्या में आसन वेटलैंड में पहुंच गए हैं। विभाग के मुताबिक अभी तक करीब पांच हजार के करीब विदेशी व प्रवासी पक्षी यहां पहुंच चुके हैं। सर्दियां बढ़ने के साथ ही इनकी संख्या व प्रजातियों में इजाफा हो सकता है। यहां पक्षी हिमाच्छादित पॉलिआर्टिक, यूरोप, मध्य एशिया व साइबेरिया आदि ऐसे क्षेत्रों से आकर शरण पाते हैं, जहां सर्दियों के मौसम में झीलें और समुद्र जम जाते हैं, लेकिन इस बार मौसम की बेरुखी से न तो ज्यादा बारिश हुई और न ही बर्फबारी। यही कारण है कि यूरोप के देशों से पक्षियों की संख्या यहां कम देखी जा रही है।

अभी कई प्रजातियों का इंतजार

विभाग के पक्षी विशेषज्ञ प्रदीप सक्सेना ने बताया कि अभी तक करीब 25 विदेशी प्रजातियों और 45 लोकल प्रजातियों के पक्षी झील के आसपास डेरा डाल चुके हैं। हालांकि इनकी गणना विशेषज्ञों द्वारा जनवरी के 25 तारीख तक की जाएगी, लेकिन फिर भी अनुमान के तौर पर अभी तक करीब 5200 विदेशी व प्रवासी पक्षी यहां पहुंच चुके हैं। पिछले साल की तरह इस बार भी इनकी तादाद कम हुई है। इसका सबसे बड़ा कारण नवंबर से बारिश न होना भी है। कम ठंड होने के कारण यूरोप और ऊपरी इलाकों में झीलें नहीं जम पाईं, जिस कारण पक्षियों ने यहां का रुख नहीं किया। उन्होंने बताया कि कई विदेशी प्रजातियां इस बार अभी तक नहीं पहुंची हैं।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App