प्रदेश में बैन न हो पद्मावत

By: Jan 14th, 2018 12:05 am

 शिमला — नाम बदलने के बाद पद्मावत फिल्म को सिनेमाघरों में दिखाने के लिए तिथि तय कर दी गई है, लेकिन इसके बाद भी इस फिल्म को कई राज्यों में दिखाने पर रोक लग रही है। ऐसे में हिमाचल में भी इस फिल्म को प्रदर्शित करने को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है। फिल्म पर हो रहे विरोध और इसे बैन करने को लेकर एसएफआई राज्य गर्ल्ज सब कमेटी और विवि गर्ल्ज सब कमेटी ने अपना विरोध दर्ज करवाया है। एसएफआई गर्ल्ज सब कमेटी की संयोजक रुचिका बजीर का आरोप है कि यह हिंदुत्ववादी एजेंडा है, जिसे अपनाकर इस फिल्म पर बेवजह रोक लगाई जा रही है।  उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि फिल्म पद्मावत पर रोक लगाना रूढि़वादी विचारधारा को दर्शाता है। अभी तक लोगों ने इस फिल्म को देखा भी नहीं है और इस पर रोक लगाने की मांग की जा रही है।  रुचिका बजीर का कहना है कि इस तरह की फिल्में समाज की सच्चाई को दिखाती हैं। अगर इन्हें बैन कर दिया जाएगा तो समाज की सही तस्वीर सबके समक्ष नहीं आ पाएगी। गर्ल्ज राज्य सब कमेटी और विवि गर्ल्ज सब कमेटी ने मांग उठाई है कि इस फिल्म को हिमाचल प्रदेश में बैन न कर इसे सभी सिनेमाघरों में दिखाने की अनुमति दी जाए। कमेटी ने सरकार के समक्ष मांग रखी है कि फिल्म पद्मावत को बिना किसी बाधा के रिलीज होने दिया जाए। फिल्म को लेकर न केवल हिमाचल बल्कि पूरे देश भर में विवाद उठ चुका है। फिल्म को लेकर विरोध स्वरूप धरना-प्रदर्शेन और इसे रिलीज न करने की मांग को लेकर प्रदर्शन जगह-जगह हो चुके हैं। विरोध के चलते ही यह फिल्म तय समय से देरी से रिलीज की जा रही है। अब फिल्म का नाम परिवर्तित कर इसे  रिलीज किया जा रहा है। फिल्म पद्मावती के नाम से बदल कर पद्मावत कर दी गई है।  फिल्म का नाम तो बदल दिया गया है, लेकिन अभी इसे लेकर विरोध चल रहा है।  हालांकि प्रदेश में फिल्म को न दिखाए जाने या बैन करने को लेकर कोई फैसला नहीं लिया गया है लेकिन इससे पहले ही एसएफआई गर्ल्ज सब कमेटी ने सरकार के समक्ष इस फिल्म को प्रदेश में बैन न किए जाने की मांग उठाई है ताकि प्रदेश में बिना किसी विरोध के इस फिल्म को देखा  जा सके।


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