बल्यूट सभा घोटाले की रिकवरी कर्जदारों से

By: Jan 5th, 2018 12:15 am

हमीरपुर— बल्यूट सहकारी सभा के घोटाले की रिकवरी ऋणधारकों से होगी। इसके लिए विभाग ने सोसायटी एक्ट के तहत 186 ऋणधारकों को नोटिस जारी किए हैं। इस आधार पर आरवीटेशन प्रोसीडिंग शुरू होगी। सोसायटी की जमापूंजी एक करोड़ 45 लाख सोसायटी के सचिव पृथी चंद ने हड़पी है। अब यह राशि उन सभी खाताधारकों से वसूली जाएगी, जिन्हें सोसायटी ने लोन बांट रखे हैं। हालांकि सोसायटी के सचिव पृथी चंद ने फर्जीबाड़े से लोन बांटकर सहकारी सभा को चपत लगाई है। सहकारी सभा ने नियमों के तहत कार्रवाई करते हुए फरार हुए सचिव पृथी चंद के खिलाफ कानूनी जाल बिछाना शुरू किया है। इसी के तहत आरवीटेशन प्रोसीडिंग के लिए ऋणधारकों को रिकवरी के नोटिस भेजे हैं। जाहिर है कि खाताधारक नोटिस के जवाब में स्थिति स्पष्ट करेंगे। इस आधार पर यह पता लग जाएगा कि किन लोगों के नाम पर सचिव ने फर्जी लोन बांटे हैं। इससे स्पष्ट होगा कि कितने पात्र लोगों को ऋण मिला था और रिकवरी की संभावना है। उल्लेखनीय है कि बल्यूट सहकारी सभा में कुल 663 करोड़ की जमापूंजी है। इसके 885 सरकारी व गैर सरकारी सदस्य हैं। वर्ष 1992 से सोसायटी में नियुक्त सचिव पृथी चंद लोगों की राशि को खुद हड़पता रहा। इसका भंडाफोड़ होने पर वह फरार हो गया। अब ऑडिट रिपोर्ट में पता चला है कि सोसायटी का एक करोड़ 45 लाख साफ हो चुका है। बल्यूट कृषि सहकारी सभा के 468 सदस्य हैं। 317 गैर सरकारी सदस्य शामिल किए गए हैं। कुल 885 खाताधारकों वाली बल्यूट कृषि सहकारी सभा के खाते में छह करोड़ 63 लाख जमा हैं। इनमें से एक करोड़ 45 लाख को सहकारी सभा के सचिव पृथी चंद ने चपत लगा दी है। ऑडिट रिपोर्ट में कहा है कि पृथी चंद 1992 से सहकारी सभा में तैनात था। कुछ समय बाद उसने सोसायटी के पैसों से निजी कारोबार तरक्वाड़ी से लेकर सुजानपुर तक फैला दिया। सोसायटी में नियमों के विरुद्ध सहायक सचिव नियुक्त कर दिया। सहकारी सभा में सचिव ही अधिकारिक रूप से जवाबदेह होता है। बावजूद इसके पृथी चंद ने मुकेश कुमार को अप्रैल, 2008 में तीन हजार रुपए के वेतन पर सहायक सचिव नियुक्त कर दिया। इसके बाद उसे 300 रुपए प्रतिदिन मेहनताना दिया गया। मुकेश कुमार ही पृथी चंद के कहने पर सारा लेखा-जोखा बना रहा था। विभागीय जांच में भी मुकेश ने इन सभी आरोपों की पुष्टि की है।

परिजनों के नाम पर फर्जी लोन

परिजन    हड़पी राशि

ज्ञानी देवी 7  लाख

अर्चना देवी           20 लाख

सुमना शर्मा           20 लाख

राकेश कुमार          5  लाख

प्रवीण कुमार          2.18 लाख

वंदना शर्मा            5 लाख

किरण कुमारी         5 लाख

लाखों में चपत

कैश फर्जीबाड़ा       15.86

एफडी जालसाजी    16

फेक एफडी पर लोन 46

फर्जी विड्राल                     1.30

परिजनों को लोन      64.18

इन्होंने भी झेला गबन का दर्द

लंबलू, कारगू, डुगली, अग्घार, पंधेड़, सनेड़, ब्राह्मणा तथा सिरडू की सहकारी सभाएं भी गबन का दर्द झेल चुकी हैं। इनमें अधिकतर सहकारी सभाओं में रिकवरी हो चुकी है और नए सचिव नियुक्त हो चुके हैं।


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