भारतीय पशु कल्याण बोर्ड

By: Jan 17th, 2018 12:05 am

भारतीय पशु कल्याण बोर्ड, विश्व में अपनी तरह का प्रथम संगठन है, जिसकी स्थापना पशु हिंसा रोकथाम अधिनियम, 1960 के तहत 1962 में की गई और इसका मुख्यालय चेन्नई में अवस्थापित किया गया।

बोर्ड का गठन 28 सदस्यों द्वारा किया जाता है, जिसमें एक अध्यक्ष, एक उपाध्यक्ष, एक वन महानिरीक्षक, पशुपालन आयुक्त, गृह मंत्रालय और मानव संसाधन मंत्रालय प्रत्येक से एक-एक प्रतिनिधि, लोक सभा से 4 सदस्य, राज्यसभा से 4 सदस्य, मानवतावादी विषयों से संबंधित तीन सदस्य एवं अन्य सदस्य।

बोर्ड के कृत्य

निरंतर अध्ययन के तहत पशुओं के खिलाफ हिंसा रोकने वाले भारत में प्रवृत्त कानूनों से अद्यतन रहना और समय-समय पर इनमें संशोधन करने का सरकार को सुझाव देना।

केंद्र सरकार को पशुओं की अनावश्यक पीड़ा या परेशानी रोकने के संदर्भ में नियम बनाने का परामर्श करना। भार ढोने वाले पशुओं के बोझ को कम करने के लिए केंद्र सरकार या स्थानीय प्राधिकरण या अन्य व्यक्ति को पशुओं द्वारा चालित वाहनों के डिजाइन में सुधार करना। केंद्र सरकार को पशुओं के अस्पताल में प्रदान की जाने वाली चिकित्सकीय देखभाल एवं ध्यान से संबद्ध मामलों पर परामर्श देना और जब कभी बोर्ड जरूरी समझे, पशु अस्पतालों को वित्तीय एवं अन्य मदद मुहैया कराना। वित्तीय मदद एवं अन्य तरीके से पिंजरा, शरणगाहों, पशु शेल्टर, अभयारण्य इत्यादि के निर्माण या अवस्थापना को बढ़ावा देना, जहां पशुओं एवं पक्षियों की शरण मिल सके, जब वे वृद्ध हो जाते हैं एवं बेकार हो जाते हैं या जब उन्हें संरक्षण की जरूरत होती है। किसी भी ऐसे मामले पर जो पशु कल्याण या पशुओं पर अनावश्यक पीड़ा एवं हिंसा से संबद्ध हो, केंद्र सरकार को परामर्श देना। इस तरह पशु कल्याण बोर्ड पशुओं के कल्याण के लिए कृतसंकल्प हो कर कार्य करता है।


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