मंजिल नहीं…बस सफर ही है पत्रकारिता

By: Jan 20th, 2018 12:05 am

अपनी प्रखर लेखनी से सरकार की चूलें हिला देने वाला पत्रकार समाज को आईना दिखाकर सच से रू-ब-रू करवाता है। सरकार और आवाम के बीच की इस कड़ी को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ यूं ही नहीं कहते। यह वह सेतू है जो देश और समाज की तरक्की की दिशा और दशा तय करता है। पर क्या बदलते परिवेश और दबाव के बीच पत्रकार कहीं सरकार का ही तो होकर नहीं रह गया है? पत्रकारों की कहानी पत्रकारों की जुबानी आपके सामने ला रहा है प्रदेश का अग्रणी मीडिया ग्रुप दिव्य हिमाचल

 -चंबा से दीपक शर्मा की रपट

समाजसेवा का रास्ता

युवा पत्रकार सुरेश ठाकुर का कहना है कि समाजसेवा ही पत्रकार की मंजिल कही जा सकती है। समाजसेवा का पत्रकारिता एक सरल व सीधा साधन है। इसके साथ ही सरकार व पत्रकार का बेहतर सामांजस्य ही समाज व प्रदेश का भला कर सकता है।

दिक्कतों का समाधान

रिपोर्टर हेम ठाकुर का कहना है कि पत्रकारिता के जरिए समाजसेवा करना ही पत्रकार की मंजिल है। सरकार के कामकाज में पारदर्शिता सरकार-पत्रकार के बेहतर संबंधों से आ सकती है। पत्रकारिता से सरकार की नाकामियों को उजागर करना और जनता की समस्याओं का हल उपलब्धि कही जा सकती है।

सच्चाई की कलम

विनोद कुमार का कहना है कि पत्रकारिता की मंजिल सच को उजागर करना है। सरकार व पत्रकार में संबंध मजबूत होने चाहिए, क्योंकि वह इन दोनों के बीच एक महत्त्वपूर्ण सेतु हैं।कलम से सच्चाई ब्यां कर लोगों की मदद से मिलने वाली संतुष्टि पत्रकार के लिए सबसे बड़ी उपलब्धि है।

बेहतर समाज का निर्माण

पत्रकार योगेश महेंद्रू का कहना है कि पत्रकारिता का मूल उद्देश्य समाजसेवा है। पत्रकार के बीच बेहतर रिश्तों से ही जनता का भला हो सकता है। पत्रकार ही सरकार व जनता को हकीकत से वाकिफ करवाता है। लोगों की सेवा कर समाज में स्वच्छ छवि पत्रकार की उपलब्धि कही जा सकती है।

राष्ट्र सेवा का जरिया

वरिष्ठ पत्रकार बीके पराशर का कहना है कि पत्रकारिता की मंजिल राष्ट्र सेवा है। सरकार व पत्रकार के बीच घनिष्ठ संबंध होने चाहए। पत्रकार सरकार के कामकाज में पारदर्शिता लाकर कलम से सच्चाई ब्यां करता है।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App