रघुनाथ-त्रियुगी नारायण का भव्य मिलन

By: Jan 23rd, 2018 12:10 am

कुल्लू— अठारह करड़ की सौह ढालपुर में जहां भगवान रघुनाथ की भव्य रथयात्रा मुख्य आकर्षण का केंद्र रही। वहीं, भगवान रघुनाथ और दियार के देवता त्रियुगी नारायण का भव्य देव मिलन भी आकर्षक रहा। जिसके साक्षी राज परिवार, त्रियुगी नारायण के हारियान ही नहीं, बल्कि देवभूमि कुल्लू के कोने-कोने से आए हजारों श्रद्धालु  बने। बताया जा रहा है कि पहली बार वसंत पंचमी में देवता त्रियुगी नारायण रथ में विराजमान होकर ऐतिहासिक ढालपुर मैदान पहुंचे। त्रियुगी नारायण रविवार को ढोल-नगाड़ों और नरसिंगों की थाप के साथ सुल्तानपुर स्थित भगवान रघुनाथ के मंदिर पहुंचे और सोमवार को वसंत पंचमी में देवता ने भाग लिया। वसंत पंचमी की पूरी रिवायत संपन्न होने के बाद देवता देवालय लौटे। ढालपुर स्थित भगवान रघुनाथ के अस्थायी शिविर में पहले पूजा-अर्चना हुई। इस दौरान भगवान रघुनाथ के मुख्य छड़ीबरदार महेश्वर सिंह सहित पूरे परिवार के सदस्य मौजूद रहे। वहीं, महिलाओं ने भजन-कीर्तन भी किया। पूजा-अर्चना के बाद देव विधि अनुसार गुलाल फेंका गया और  परंपरा संपन्न होने के बाद भगवान रघुनाथ अपने देवालय सुल्तानपुर लौटे।

केबल तार में फंसा भगवान रघुनाथ का रथ

वसंत पंचमी पर्व पर निकली भगवान रघुनाथ की रथ यात्रा के दौरान रथ केबल तार में फंस गया। ऐसे में पांच मिनट तक रथ यात्रा रुकी और अंत में केबल तार को काटना पड़ा। इसके बाद रथ यात्रा शुरू हुई और श्रद्धालु तार को ही देखते रहे। वहीं, श्रद्धालुओं ने प्रशासन से मांग की है कि ढालपुर से तारों को हटाया जाए या तारों को ऊंची ले जाने के निर्देश दिए जाए।

त्रियुगी नारायण से बारिश की अर्जी

पहली बार वसंत पंचमी पर रथ में विराजमान हुए देवता त्रियुगी नारायण के दर्शन करने के लिए हजारों की संख्या में भीड़ उमड़ी। कुल्लू में कोने-कोने से आए लोगों ने देवता से बारिश की अर्ज की। खासकर महिलाओं ने बारिश की फरियाद की। पहली बार वसंत पंचमी में भगवान रघुनाथ और त्रियुगी नारायण के दर्शन श्रद्धालुओं को एक जगह करने को मिले।


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