विधायक प्राथमिकता बैठकें टलीं

By: Jan 24th, 2018 12:06 am

12-13 को चलेगा दौर, 6200 करोड़ की हो सकती है नई योजना

शिमला— हिमाचल की नई योजना 6200 करोड़ की हो सकती है। वित्त वर्ष 2017-18 में यह 5700 करोड़ की थी। यही नहीं, योजना आकार को फाइनल करने से पहले जो विधायक प्राथमिकताओं पर आधारित बैठकें आठ व नौ फरवरी को बुलाई गई थी, उसेअब 12 व 13 फरवरी को बुलाया जा रहा है। छह-छह जिलों के विधायकों की ये बैठकें होंगी, जिसमें सभी पेयजल, सिंचाई, सड़क व स्वास्थ्य पर आधारित सिफारिशें देंगे। हिमाचल में इस बार जो बजट प्रारूप तैयार हो रहा है, उसमें मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के निर्देशों पर सामाजिक क्षेत्र को और मजबूत बनाने के लिए नई पहल देखने को मिल सकती है। वैसे भी सरकार ने सत्ता में आते ही सामाजिक सुरक्षा पेंशन की आयु सीमा  80 से घटाकर 70 वर्ष कर दी थी। भले ही इससे सरकारी खजाने पर बोझ पड़ा हो, मगर आमजन इसे सराह रहा है। सूत्रों के मुताबिक इस बार जो बजट तैयार हो रहा है, उसमें रोजगार व स्वरोजगार के लिए भी नए ऐलान देखने को मिल सकते हैं। कृषकों व बागबानों के उत्थान के लिए नई स्कीमें सामने आ सकती है। स्वरोजगार की दृष्टि से नए क्षेत्रों की पहचान कर उन्हें अमलीजामा पहनाने की पहल हो सकती है। प्रदेश 46 हजार करोड़ के ऋण बोझ तले दबा है। संसाधन जुटाने के लिए वित्तीय विशेषज्ञों से सलाह मांगी गई है। हालांकि सरकारी स्तर पर पर्यटन, हाइडल, कृषि व बागबानी को शामिल किया जा रहा है, मगर बड़े स्तर पर वित्तीय संसाधन जुटाने के लिए यह सलाह मांगी गई है। नई सरकार है, साथ ही नए मुख्यमंत्री कुर्सी पर बैठे हैं। सत्ता में आते ही जयराम सरकार ने वित्तीय कमजोरियों के लिए कांग्रेस को दोषी ठहराया है, मगर जानकार मानते हैं कि दोषारोपण से प्रदेश की आर्थिक रेल दौड़ नहीं सकती। इसके लिए वित्तीय कौशल दिखाना होगा, अब ये क्या होगा, ये मार्च में पेश होने वाले बजट में मालूम होगा, मगर इतना जरूर है कि मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि बजट करमुक्त होने के साथ-साथ आम आदमी पर आधारित हो। हालांकि राय यह भी दी जा रही है कि ऐसे मदों पर टैक्स लगाया जाए, जो सीधे सभ्रांत वर्ग को प्रभावित करते हों।


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