व्यक्तिगत विकास ने उकेरा पिछड़ेपन का धब्बा

By: Jan 24th, 2018 12:05 am

जिला चंबा को पिछड़े जिला में 114वां स्थान मिलने से प्रदेश के राजनेताओं द्वारा अब तक किए प्रयासों को कटघरे में लाकर खड़ा कर दिया है। प्राचीनकाल में विकसित रहे इस जिला को आखिर इस पायदान तक पहुंचाने में क्या-क्या कारण रहे हैं आइए पढ़ें क्षेत्र के बुद्धिजीवियों के विचार ‘दिव्य हिमाचल’ ब्यूरो प्रभारी दीपक शर्मा की कलम से…

कमजोर राजनीतिक इच्छाशक्ति जिम्मेदार

वरिष्ठ नागरिक पीसी ओबराय का कहना है कि चंबा जिला को पिछडे़पन का तमगा मिलने के पीछे की मुख्य वजह कमजोर राजनीतिक इच्छाशक्ति जिम्मेदार है। आजादी से पहले प्रदेश को छह डीसी और एशिया में कोलकत्ता के बाद बिजली के बल्ब जगाने वाले चंबा जिला को आजादी के बाद ऐसा ग्रहण लगा, जोकि आज तक जारी है। इस अवधि में केंद्र व प्रदेश ने जिला को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने की कोशिश भी, लेकिन योजनाओं का सही क्रियान्यवन न होने से आज हालात जस के तस बने हुए हैं। उन्होंने कहा कि पिछड़ा दर्जा मिलना कोई खुशी की बात नहीं, बल्कि एक चिंतनीय विषय है।

चंबा पिछड़ा नहीं, बल्कि अविकसित

वरिष्ठ पत्रकार बीके पराशर का कहना है कि चंबा जिला को पिछड़ा करार देना सही नहीं हैं। चंबा जिला पिछड़ा नहीं, बल्कि अविकसित है। उन्होंने कहा कि जिला में प्राकृतिक संसाधनों की कोई कमी नहीं है। मगर संसाधनों का सही दोहन न होने से विकास की गति रुक सी गई है। बीके पराशर का मानना है कि चंबा का पिछडे़ जिलों में शामिल होना कोई गर्व की बात नहीं है, बल्कि ऐसा क्यों हुआ इस पर राजनेताओं व लोगों को मंथन करना चाहिए।

योजनाओं को नहीं मिल पाया धरातल

किशोर शर्मा का कहना है कि चंबा जिला को राजनेताओं की कारागुजारियों के कारण यह खिताब मिला है। इन नेताओं ने जनहित विकास की बजाय व्यक्तिगत विकास को ध्यान दिया। हालात यह रहे कि प्रदेश व केंद्र की केबिनेट में प्रतिनिधित्व का मौका मिलने के बाद भी नेता क्षेत्र विशेष तक ही समिति रहे। उन्होंने पूर्व में जिला के विकास हेतु चलाई गई योजनाओं को धरातल पर सही तरीके से लागू न होने को भी इस खिताब की एक वजह बताया।

फख्र नहीं, शर्मिंदा होने का विषय

विकास गुप्ता का कहना है कि चंबा को पिछड़े जिला चुने जाने से लोग काफी शर्मिंदा महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इससे पूर्व में चंबा जिला के विकास हेतु चलाई गई योजनाओं पर सवाल उठ खड़े हुए हैं। चंबा जिला में शिक्षा, स्वास्थ्य व सड़कों में सुधार के दावे केंद्र सरकार के इस फैसले से महज फाइलों तक सीमित दिख रहे हैं। इसको लेकर जिला के हरेक व्यक्ति को सोचना होगा।

आखिरकार चंबा से क्यों रूठ गया विकास

मनुज शर्मा का कहना है कि चंबा को देश के कुल 115 पिछड़े जिलों में चंबा को 114वां स्थान मिलना विचार का विषय है। आखिरकार विकास से चंबा का विमुख होने की क्या वजह रही। उन्होंने बताया कि चंबा जनमत निर्माण अभियान के पहले ही इन वजहों को तलाशने के लिए वह अभियान छेडे़ हुए। इस अभियान में लोगों की राय को एकत्रित किया जा रहा है।


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