शातिरों ने 108 पर कीं 5409 फेक कॉल्स

By: Jan 14th, 2018 12:03 am

23 लोगों ने 1281 मर्तबा फोन घुमाकर अश्लील बातें कर लांघी मर्यादा

मंडी— हिमाचल की एमर्जेंसी सेवा की अहम कड़ी साबित हो रही 108 एंबलुंस में बिना काम के अश्लील बातें करने वालों की लिस्ट भी कम लंबी नहीं है। 2017 में जनवरी से लेकर दिसंबर तक एमर्जेंसी सर्विस 108 में 5409 कॉल ऐसे थे, जिन्होंने कॉल कर या तो अश्लील बातें कीं या कोई रिस्पांस ही नहीं किया या फिर कॉल करने के बाद झूठी जानकारी दी। हैरानी की बात यह है कि यह आंकड़ा सब सिर्फ 23 नंबर का है, जिन्होंने 2017 में शरारत के मकसद ही 108 में कॉल की।  पूरी लिस्ट में सबसे ऊपर जो नंबर है, उस व्यक्ति द्वारा 371 मर्तबा यह हरकत की गई। पिछले साल हर दस एमर्जेंसी कॉल्स में से पांच कॉल्स फर्जी पाई गई हैं। हैरानी की बात है कि लिस्ट में पहले चार नंबर तो ऐसे हैं, जिन्होंने साल भर में 300 से ज्यादा मर्तबा 108 एमर्जेंसी रिस्पांस सेंटर (ईआरसी) में फर्जी कॉल कर या तो अपशब्द कहे या फिर झूठी जानकारी दी। इन 23 नंबरों में से भी तीन नंबर तो ऐसे हैं, जिन्होंने अपमानजनक कॉल्स करने का ही शतक लगा दिया। साल भर में कॉल कर अपशब्द कहने, कॉल कर फोन काटने और कॉल करने के बाद भी कोई रिस्पांस न देने के कुल 5409 मामले 108 में आए है। दरअसल 108 और 102 पर की गई कोई भी कॉल जान बचाने जैसी आपातकालीन कॉल के रूप में ली जाती है। 108 और 102 की कार्यप्रणाली इतनी चुस्त-दुरुस्त है कि 99 प्रतिशत कॉल्ज का त्वरित उत्तर दिया जाता है। इन हालातों में 108 और 102 पर की जाने वाली अनावश्यक कॉल किसी के जीवन व संपत्ति को संकट में डाल सकती है। उधर, स्टेट हैड, जीवीके ईएमआरआई 108 मेहूल सुकुमारन ने बताया कि फर्जी कॉल करने वालों के नंबर पुलिस को दिए जा रहे हैं, ताकि किसी की जिंदगी बचाने में समय व्यर्थ न हो।

 शरारत छीन सकती है किसी की जिंदगी

जान व संपत्ति को बचाने में एक सेकेंड का समय भी बहुत अहमियत रखता है। हम सब का यह दायित्व है कि हम इस अति संवेदनशील पहलू को समझें। इस तरह की सेवाओं में किए गए अनावश्यक व्यवधान से किसी की जान व संपत्ति के नुकसान की संभावनाएं कई गुना बढ़ जाती है।


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