सतलुज के दोनों किनारों पर स्थित है बिलासपुर जिला

By: Jan 31st, 2018 12:05 am

बिलासपुर जिला सतलुज नदी के दोनों किनारों पर स्थित है तथा सुदूर पूर्व में यह नदी जिला मंडी के साथ सीमा निर्धारित करती है। इस जिला की पूर्व से पश्चिम तक की लंबाई 51 किलोमीटर तथा उत्तर से दक्षिण की चौड़ाई 43 किलोमीटर है…

बिलासपुर

मुख्यालय – बिलासपुर (समुद्रतल से ऊंचाई 610 मीटर)।

कुल क्षेत्रफल – 1167 वर्ग किलोमीटर।

भाषाएं – बिलासपुरी (कहलूरी) हिंदी, पंजाबी इत्यादि।

जिला बिलासपुर 31012’45’’ डिग्री उत्तर आक्षांश तथा 76023’45’’ व 76055’40’’ पूर्वी देशांतर पर बाहरी या निचले हिमालय में स्थित है। उत्तर में इसकी सीमा मंडी व हमीरपुर जिला से, पश्चिम में हमीरपुर व ऊना जिला, दक्षिण में सोलन का नालागढ़ क्षेत्र तथा पूर्व, दक्षिण-पूर्व में सोलन व मंडी जिला स्थित हैं। बिलासपुर जिला सतलुज नदी के दोनों किनारों पर स्थित है तथा सुदूर पूर्व में यह नदी जिला मंडी के साथ सीमा निर्धारित करती है। इस जिला की पूर्व से पश्चिम तक की लंबाई 51 किलोमीटर तथा उत्तर से दक्षिण की चौड़ाई 43 किलोमीटर है। सतलुज नदी जिला बिलासपुर को प्राकृतिक रूप से दो खंडों में विभाजित करती है। सतलुज नदी पूर्व से पश्चिम की ओर बहती हुई कई घुमावदार रास्तों से निकलकर बिलासपुर को लगभग दो समान हिस्सों में बांटती है। ये दोनों विभाजित खंड प्राकृतिक रूप से कई घाटियों, खड्डों व छोटी व ऊंची पहाडि़यों से सुसज्जित हैं। इसके सुदूर पश्चिम में कठार धार तथा पूर्व में नयनादेवी धार है। यह जिला संपूर्ण रूप से पहाड़ी है, परंतु कोई भी पहाड़ी या चोटी किसी विशेष ऊंचाई की नहीं है। इस जिला की समुद्रतल से न्यूनतम ऊंचाई 290 मीटर तथा अधिकतम ऊंचाई 1980 मीटर है। जिला बिलासपुर में सात मुख्य पर्वत शृंखलाएं हैं।

ये इस प्रकार से हैं-

नयनादेवी धार, कोटधार, जांझियार धार, त्यून धार, बंदलाधार, बहादुरपुर धार व रतनपुर धार। ये पर्वत धाराएं इतनी प्रसिद्ध थीं कि इतिहास में बिलासपुर रियासत को सतधार कहलूर अर्थात सात पहाड़ी शृंखलाओं का प्रदेश कहलूर के नाम से भी पुकारा जाता था।

नयनादेवी धार  (कुल लंबाई 30 किलोमीटर): इस शृंखला पर सुप्रसिद्ध मंदिर मां नयनादेवी स्थित है, जिसकी समुद्रतल से ऊंचाई 1100 मीटर है। इस धार में ही कोट कहलूर तथा फतेहपुर परगना स्थित हैं तथा यहीं पर कोट कहलूर व फतेहपुर किला (जहां कई छोटे किले भी हैं।)

कोट धार: (कुल लंबाई लगभग 30 किलोमीटर) इस पहाड़ी शृंखला में ही बसेह बछरेटू परगना स्थित है। इस धार में ही प्रसिद्ध किले बछरेटू, वसीहा, नौण या शिवाला बछरेटू कोट और दगोगा मलोट स्थित हैं। यहां की सबसे ऊंची चोटी कक्रेर की समुद्रतल से ऊंचाई 1430 मीटर है।

जांझियार धार: सीर खड्ड इस शृंखला को दो भागों में बांटती है। दक्षिण भाग को ‘बदोल’ तथा उत्तरी को जांझियार कहते हैं। इस धार की सबसे ऊंची चोटी जांझियार ही है, जिसकी ऊंचाई समुद्रतल से 1100 मीटर है।


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