सरकारी स्कूलों के मुकाबले प्राइवेट छाए
हमीरपुर — सरकारी स्कूलों के छात्र सांस्कृतिक गतिविधियों में रुचि नहीं दिखा रहे हैं। छात्रों के ग्राफ में हर वर्ष कमी पाई जा रही है। स्कूल मुखिया भी छात्रों को इसके लिए जागरूक नहीं कर रहे हैं। ऐसे स्कूलों को नोटिस जारी किए जा रहे हैं, ताकि सरकारी स्कूलों के छात्र भी हर प्रतियोगिता में अपनी सहभागिता निभा सकें। सांस्कृतिक गतिविधियों में सरकारी स्कूलों के मुकाबले प्राइवेट स्कूल ज्यादा रुचि दिखा रहे हैं। सरकारी स्कूलों के पिछले दो वर्षों के आंकड़ों पर नजर दौड़ाई जाए, तो सरकारी स्कूलों के ग्राफ में काफी गिरावट आई है। छात्र भाषण प्रतियोगिता, एकलगान, प्रश्नोत्तरी इत्यादि में प्राइवेट स्कूलों के मुकाबले कम उपस्थिति दर्ज की गई है। इसके चलते छात्रों का आत्मविश्वास भी कमी पाई गई है। सरकारी स्कूलों के छात्र आगे आने से हिचकिचा रहे हैं, जबकि प्राइवेट स्कूलों के छात्र ऐसे प्रतियोगिता में बढ़-चढ़कर भाग ले रहे हैं। सरकारी स्कूलों के स्कूल मुखिया भी छात्रों को सांस्कृतिक गतिविधियों में भाग लेने के लिए ज्यादा प्रयास नहीं कर रहे हैं। सूत्रों की मानें तो हमीरपुर जिला में 94 सीनियर सेकेंडरी और 65 हाई स्कूल हैं, लेकिन अधिकतर स्कूलों में इंस्पेक्शन के दौरान छात्रों की सांस्कृतिक गतिविधियों का ग्राफ काफी कम पाया गया है। ऐसे स्कूलों को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं, ताकि जिला के सभी सरकारी स्कूलों के छात्र सांस्कृतिक गतिविधियों में बढ़-चढ़कर भाग ले सकें। शिक्षा विभाग इंस्पेक्शन के उपनिदेशक अजय पटियाल का कहना है कि स्कूलों में छात्रों की सांस्कृतिक गतिविधियों में हर वर्ष कमी पाई जा रही है। सरकारी स्कूलों के छात्र इसमें ज्यादा रुचि नहीं दिखा रहे हैं। इसके लिए संबंधित स्कूल मुखियों को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं।
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