स्वास्थ्य-समृद्धि-शांति के लिए आएं भारत

By: Jan 24th, 2018 12:08 am

दावोस— वर्ल्ड इकॉनोमिक फोरम के उद्घाटन भाषण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुनिया की चुनौतियों को गिनाया तो इनसे निपटने के लिए कई उपाय भी सुझाए। मौसम परिवर्तन, आतंकवाद और संरक्षणवाद को दुनिया के सामने तीन सबसे बड़ी चुनौतियां बताते हुए पीएम ने नाम लिए बिना दुनिया की बड़ी ताकतों को आईना दिखाया। उन्होंने अच्छे और बुरे आतंकवाद को लेकर अमरीका और पश्चिमी देशों को घेरा तो संरक्षणवाद को लेकर भी निशाना साधा। उन्होंने यह कहकर चीन को भी लपेटा कि भारत किसी दूसरे देश की भूमि पर नजर नहीं रखता है। पीएम ने दुनिया की दरारों और दूरियों को पाटने के लिए शास्त्रों, उपनिषद, गौतम बुद्ध, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के विचारों का उदाहरण दिया। उन्होंने दुनिया को भारत में निवेश के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने कहा कि अच्छे स्वास्थ्य, समृद्धि और शांति के लिए भारत आएं। अनिश्चितता और तीव्र परिवर्तनों के इस दौर में एक भरोसेमंद, टिकाऊ, पारदर्शी और प्रगतिशील भारत एक अच्छी खबर है। श्री मोदी ने यहां विश्व आर्थिक मंच की 48वीं वार्षिक बैठक के पूर्ण सत्र में अपने उद्घाटन भाषण में जलवायु परिवर्तन को बड़ी चुनौती बताते हुए कहा कि इसके कारण ग्लेशियर पिघल रहे हैं, कई द्वीप डूब चुके हैं या डूबने के कगार पर हैं। बहुत गर्मी, बहुत सर्दी, कहीं बाढ़ तो कहीं सूखे की समस्या आ रही है। सीमित दायरों से निकलकर सभी देशों को इससे मुकाबले के लिए एक हो जाना चाहिए था। उन्होंने कहा कि हमें अपने आप से पूछना चाहिए कि क्या ऐसा हुआ है। यदि नहीं तो क्यों? ॑हर कोई कहता है कि कार्बन उत्सर्जन कम हो, पर ऐसे कितने देश हैं जो विकासशील देशों को इसके लिए तकनीक उपलब्ध कराने के लिए आगे आते हैं। श्री मोदी ने कहा कि भारतीय परंपरा में पृथ्वी को माता माना गया है। यदि हम पृथ्वी की संतान हैं तो प्रकृति और मानव के बीच संघर्ष क्यों चल रहा है। लालचवश हम अपने सुखों के लिए प्रकृति का शोषण तक कर रहे हैं। हमें अपने आप से पूछना होगा कि यह विकास हुआ है या हृस। प्रधानमंत्री ने आतंकवाद को दूसरी बड़ी चुनौती बताते हुए ‘अच्छे आतंकवादी और बुरे आतंकवादी’ के बीच बनाए गए कृत्रिम भेद का मुद्दा उठाया और परोक्ष रूप से पाकिस्तान को घेरते हुए कहा कि आतंकवाद जितना खतरनाक है, उससे भी खतरनाक है ‘गुड टेरेरिस्ट’ और ‘बैड टेरेरिस्ट’ के बीच बनाया गया कृत्रिम भेद। उन्होंने पढ़े-लिखे और संपन्न लोगों का अतिवाद की ओर आकर्षित होकर आतंकवाद में लिप्त होने को भी गंभीर चिंता का विषय बताया। उन्होंने पूरी दुनिया को जलवायु परिवर्तन के खतरों के प्रति आगाह करते हुए कहा कि यह मानव सभ्यता के लिए सबसे गंभीर खतरा है, जिससे निबटने के लिए सबको साथ आना पड़ेगा और प्राकृतिक संसाधनों के तर्कसंगत इस्तेमाल पर ध्यान देना होगा।

आर्थिक असमानता पर भी बोल देते मोदी

नई दिल्ली- कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने देश में व्याप्त असमानता का मुद्दा उठाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कहा है कि वह दावोस में विश्व समुदाय को इस बात का जवाब दें कि देश की एक प्रतिशत आबादी के पास ही कुल संपदा का 73 प्रतिशत हिस्सा क्यों है। श्री गांधी ने अपने ट्विटर पेज पर एक फोटो भी चस्पां की है, जिसमें एक होटल के अंदर धनी लोग भोजन का आनंद ले रहे हैं और वंचित तबके की दिख रही एक बच्ची होटल के बाहर शीशे से उन्हें ललचायी नजरों से देख रही है। श्री गांधी ने श्री मोदी को संबोधित करके लिखा है कि मैं आपके संदर्भ के लिए एक रिपोर्ट भी साथ लगा रहा हूं।


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