1300 उद्योग बिना फायर एनओसी

By: Jan 23rd, 2018 12:15 am

राख के ढेर पर चल रहे बीबीएन में करोड़ों-अरबों के कारखाने

बीबीएन – औद्योगिक क्षेत्र बीबीएन में उद्योगपतियों की लापरवाही करोड़ों-अरबों के कारखानों को राख के ढेर में तबदील कर रही है। हालात ये हैं कि भारी निवेश कर उद्योग तो स्थापित कर लिए हैं लेकिन उनमें आगजनी जैसी घटनाओं से बचने के लिए कोई पुख्ता इंतजाम नहीं किए हैं। यही वजह रही है कि जब आगजनी की कोई घटना घटती है, तो उद्योगों में स्थितियां विस्फोटक बन जाती हैं। रविवार रात नालागढ़ के दो उद्योगों में हुई आगजनी की घटना के बाद जांच में सामने आया है कि इनमें से एक उद्योग के पास फायर ब्रिगेड की एनओसी नहीं थी। उद्योग में आगजनी की घटना से निपटने के इंतजाम भी कागजी ही थे। बीबीएन के बेपरवाह उद्यमी सुरक्षा इंतजामों को लेकर कितने संजीदा हैं, उसकी पोल अग्निशनमन विभाग के आंकड़े खोल रहे हैं। बीबीएन के करीब 1300 उद्योग अग्निशमन विभाग की एनओसी के बिना चल रहे हैं। इसके अलावा ऐस उद्योगों की भी लंबी फेहरिस्त भी है, जिन्होंने एक मर्तबा एनओसी लेने के बाद रिन्यूल करवाने की जहमत नही उठाई। बीबीएन के उद्योग आग के मुहाने पर खड़े हैं, अग्निशमन विभाग के बद्दी व नालागढ़ केंद्र से जुटाए गए आंकड़ों पर गौर फरमाएं तो पता चलता है कि बीबीएन में 2200 से ज्यादा उद्योगों में से महज 900 उद्योगों के पास ही अग्निशमन विभाग की एनओसी है। अकेले बद्दी अग्निशमन केंद्र के अधीन आने वाले क्षेत्र के करीब दो हजार उद्योगों में से 700 उद्योगों ने ही एनओसी ली है, जबकि नालागढ़ में करीब दो सौ के लगभग उद्योगों के पास ही अग्निशमन विभाग की एनओसी है। अग्निशमन विभाग उद्योग और अन्य किसी भी संस्था के भवन का निरीक्षण ही कर सकता है और यह भी संस्थान के बुलाने पर। यदि कहीं अवेहलना हो रही हो तो विभाग सिर्फ उन्हें हिदायतें व सुझाव दे सकता है, उन्हें बाध्य नहीं कर सकता।

ये जरूरी शर्तें

अग्निशमन विभाग ने उद्योगों को एनओसी देने से पूर्व सुरक्षा इंतजामों के लिहाज से कुछ शर्तें रखी हैं, जिसके तहत फायर हाइडें्रट, एमर्जेंसी एग्जिट, फायर अलार्म, 500 स्कवेयर मीटर से ज्यादा के प्लॉट पर बसे उद्योगों में एक लाख लीटर क्षमता का वाटर टैंक, फोम मानिटर, उद्योगों के चारों तरफ पर्याप्त जगह की व्यवस्था शामिल हैं। उद्योग में वाटर स्टोर टैंक और प्रोजेक्ट स्थल तक सड़क निर्माण के अलावा सेट बैक, आपात स्थिति से निपटने की तैयारी और प्राथमिक चिकित्सा इंतजाम भी जरूरी हैं। अधिकारी बताते हैं कि वे एनओसी देते हैं, तो उससे पहले यह सुनिश्चित करते हैं कि आगजनी से बचाव के लिहाज से पूरे इंतजाम हैं या नहीं।

बड़े हादसों में 17 ने गंवाई जान

* 2009 में नालागढ़ के पास डाडीकानियां में एसी निर्माण उद्योग में हुए भीषण अग्निकांड में जहां राख हो गया था पूरा उद्योग, वहीं नौ कर्मचारियों को जान से धोना पड़ा था हाथ

* 1996 में साई रोड बद्दी में एक फार्मा उद्योग में हुए भीषण अग्निकांड में जिंदा जले थे आठ इंजीनियर

* 2017 में बरोटीवाला के टायर उद्योग में अग्निकांड से हुआ था करीब 40 करोड़ का नुकसान

फिर बेकाबू हो जाते हैं हालात

अग्निशमन अधिकारी नालागढ़ हितेंद्र कंवर ने बताया कि क्षेत्र के उद्योग आगजनी जैसी घटनाओं से बचने के लिए सुरक्षा इंतजामों को लेकर संजीदा नहीं हैं। अकसर देखने में आया है उद्योगों में सेट बैक प्रॉपर नहीं छोड़ा जाता, न ही फायर हाइड्रेंट, फायर अलार्म लगाए जाते हैं। पानी तक का भी भंडारण नहीं होता, ऐसे में आग लग जाए, तो त्वरित कार्रवाई करने के लिए कुछ साधन उद्योगपति के पास नहीं होते और हालात बेकाबू हो जाते हैं। अग्निशमन विभाग बद्दी के अधिकारी प्रकाश चंद ने बताया कि जिन उद्योगों के पास एनओसी नहीं है, उन्हें लिखित रूप से अवगत करवाया जा रहा है।


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