ईरान ने भारत को चाबहार में दिया हिस्सा

By: Feb 18th, 2018 12:07 am

नई दिल्ली— ईरान ने चाबहार बंदरगाह के एक भाग के संचालन का अधिकार भारत को सौंपने सहित आपसी सहयोग के नौ समझौतों पर शनिवार को हस्ताक्षर किए और सूफीवाद की शांति एवं सहिष्णुता की साझी विचारधारा को आगे बढ़ाते हुए आतंकवाद और कट्टरवाद फैलाने वाली ताकतों को रोकने की प्रतिबद्धता व्यक्त की। ईरान के राष्ट्रपति हसन रुहानी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच शनिवार को हैदराबाद हाउस में हुई प्रतिनिधि मंडल स्तर की बातचीत में दोनों पक्षों ने ये प्रतिबद्धता व्यक्त की।  दोनों देशों ने जिन दस्तावेज़ों पर हस्ताक्षर किए उनमें दोहरे कराधान एवं राजस्व चोरी से बचने, प्रत्यर्पण संधि के क्रियान्वयन का दस्तावेज, पारंपरिक चिकित्सा प्रणाली, स्वास्थ्य एवं चिकित्सा, कृषि एवं संबंधित क्षेत्र, डाक क्षेत्र में सहयोग तथा राजनयिक पासपोर्ट धारकों को वीजा लेने से छूट के अलावा चाबहार परियोजना के शाहिद बेहेस्ती बंदरगाह के पट्टे को भारत को देने का करार शामिल है, जिसमें भारत को 18 माह तक इस बंदरगाह की संचालन का अंतरिम अधिकार दिया गया है। इसके अलावा चार करार दोनों देशों के वाणिज्यिक संगठनों के बीच किए गए। विदेश मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार बैठक में कनेक्टिविटी, ऊर्जा, व्यापार एवं निवेश, लोगों के बीच संपर्क, सभ्यता एवं सांस्कृतिक आदान प्रदान, आतंकवाद और क्षेत्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर बातचीत हुई। एक सवाल के जवाब में अधिकारियों ने बताया कि 18 माह तक अंतरिम अधिकार के दौरान चाबहार बंदरगाह पर पूर्ण संचालन के लिए आवश्यक उपकरण आदि प्रणालियां लगाईं जाएंगी और इसके बाद भारत को पूर्ण संचालन अधिकार मिलेगा। उन्होंने यह भी बताया कि यह समझौता तीन माह में क्रियान्वित हो जाएगा। दोनों देशों ने मछुआरों और समुद्री अभियान पर जाने वालों से संबंधित मानवीय मुद्दों के समाधान के लिए भी बात की है। बैंकिंग में सहयोग बढ़ाने एवं अपने बैंकों की एक दूसरे के यहां शाखाएं खोलने पर भी बात हुई। बाद में श्री मोदी ने अपने प्रेस वक्तव्य में कहा कि डा. रुहानी की यात्रा से भारत एवं ईरान के सभ्यता एवं संस्कृति के हजारों साल पुराने संबंधों की बुनियाद पर आधारित हमारे दोस्ताना रिश्तों में और मज़बूती आई है। उन्होंने कहा कि हमारे आपसी संबंध, सभ्यता और संस्कृति के हज़ारों साल पुराने रिश्ते हैं। इनमें आपसी आदर और विश्वास की भावनाएं हैं। पड़ोसी और दोस्त होने के नाते भारत और ईरान का रिश्ता सैकड़ों साल से एक-दूसरे के वजूद को निखारता रहा है। आतंकवाद को लेकर दोनों देशों के साझा दृष्टिकोण को साझा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि हम अपने क्षेत्र और विश्व को आतंकवाद से मुक्त देखना चाहते हैं। भारत और ईरान दोनों देशों के लोग शांति और सहिष्णुता के सूफी संदेश की साझा विचारधारा से जुड़े हुए हैं। हम ऐसी ताकतों को रोकने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जो आतंकवाद, उग्रवाद, नशीले पदार्थों की तस्करी, साइबर अपराध और अंतरराष्ट्रीय संगठित अपराधों को बढ़ावा देती हैं।


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