एम्स का एरिया अब टीसीपी के दायरे में

By: Feb 19th, 2018 12:05 am

राज्य सरकार ने जारी की अधिसूचना, निर्माण के लिए लेनी होगी विभाग की मंजूरी

बिलासपुर— कोठीपुरा में प्रस्तावित एम्स एरिया अब टीसीपी के दायरे में आ गया है। इस बाबत राज्य सरकार ने नोटिफिकेशन भी जारी कर दी है। इस एरिया के लिए स्पेशल डिवेलपमेंट प्लान बनेगा। प्लान तैयार करने का जिम्मा आउटसोर्सिंग पर किसी निजी एजेंसी को सौंपा जाएगा, जिसके लिए  टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग की ओर से आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। टीसीपी विभाग बिलासपुर की असिस्टेंट टाउन प्लानर निशा कपूर ने बताया कि बिलासपुर के एडिशनल प्लानिंग एरिया के लिए विभाग प्लान तैयार करेगा, जिसके लिए प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। अभी तक बिलासपुर शहर के आसपास क्षेत्र के 24 मुहाल टीसीपी एक्ट के दायरे में हैं, जबकि हाल ही में एम्स के लिए सिलेक्ट एरिया के साथ कोठीपुरा, राजपुरा, गंभर व आसपास क्षेत्र के 16 मुहाल चयनित किए हैं। इस एरिया का कुल क्षेत्रफल 1457 हेक्टेयर और 2011 की जनगणना के आधार पर आबादी 5190 है। एम्स एरिया के 16 मुहाल को मिलाकर अब बिलासपुर में कुल 40 मुहाल में टीसीपी एक्ट लगाया जा चुका है। एम्स एरिया के तहत चयनित सोलह मुहाल का स्पेशल डिवेलपमेंट प्लान तैयार किया जाएगा और यह कार्य किसी निजी एजेंसी या कंपनी के सुपुर्द किया जाएगा, जिसके लिए आवेदन मांगे गए हैं। इस एरिया के लोगों को टीसीपी के बारे में जागरूक भी किया जाएगा, जिसके लिए 21 फरवरी को कोठीपुरा में मीटिंग रखी गई है। बैठक में क्षेत्र की सभी पंचायतों के प्रधानों व वार्ड मेंबर सहित स्थानीय जनता को भी बुलाया गया है। क्योंकि एम्स के शिलान्यास के बाद इस क्षेत्र में जमीन की सेल परचेज का कार्य जोरों पर चला हुआ है। ऐसे में नियमों के बारे में विस्तृत जानकारी मुहैया करवाने के लिए लोगों का जागरूक होना बेहद जरूरी है। उल्लेखनीय है कि सरकार ने प्रदेश के औट, हिन्नर और बिलासपुर के लिए स्पेशल डिवेलपमेंट प्लान बनाने का निर्णय लिया गया है। इन क्षेत्रों के लिए विभाग के जीआईएस आधारित डिवेल्पमेंट प्लान तैयार करेगा जिसके लिए प्रक्रिया चल रही है।

पहले बना लें मकान

टीसीपी विभाग की असिस्टेंट टाउन प्लानर निशा कपूर के अनुसार एम्स एरिया व आसपास क्षेत्र में एक्ट लगने से पहले जिन लोगों ने जमीनें खरीदी हैं और वह अपना मकान बनाना चाह रहे हैं तो उन्हें टीसीपी एक्ट की औपचारिकताओं से नहीं गुजरना पड़ेगा, बल्कि स्थानीय पंचायत प्रधानों को इस बाबत पूरी पावर है। उन्होंने बताया कि घुमारवीं में टीसीपी एक्ट लगाए जाने के बाद उस क्षेत्र का डिवेलपमेंट प्लान तैयार किया जा रहा है। इसके अलावा बाबा बालकनाथ की तपोस्थली शाहतलाई और श्रीनयनादेवी को भी एक्ट के दायरे में लाने के लिए प्रस्ताव सरकार को भेजा है।


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