ऐसे कश्मीर में कब तक रहेगी फौज

By: Feb 8th, 2018 12:05 am

कृष्ण चंद शर्मा, सूबेदार मेजर (से.नि.), गगल

जम्मू-कश्मीर सरकार ही भारतीय फौज की पैरवी की बजाय मुखालफत कर रही है। शोपियां में पत्थरबाजी से बचने के लिए घिरे हुए सैनिकों ने फायरिंग की, जिसमें दो पत्थरबाज मारे गए। घाटी में राज्य सरकार ने फौजी कार्रवाई की मुजम्मत की और सैनिकों के विरुद्ध एफआरआई दर्ज करा दी। हैरानी यह कि केंद्र सरकार इस विषय पर मुंह नहीं खोल रही। छुटपुट नेता इस बात का विरोध कर रहे हैं। अगर सैनिक कार्रवाई का विरोध होने लगा तो फौज बंधुआ मजदूरों की तरह काम नहीं करेगी? सेना एक अनुशासित संगठन है। उसे मानवीय आधार पर काम करना आता है। राज्य सरकार उसके खिलाफ जाने की जुर्रत न करे।

 


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