कनाडाई पीएम भारत में बेगाने

By: Feb 20th, 2018 12:05 am

खालिस्तान आंदोलन समर्थकों को कैबिनेट में स्थान देने पर बिगड़ गई बात, अपने ही देश में उठे सवाल

नई दिल्ली – कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो एक हफ्ते के भारत दौरे पर आए हुए हैं। पीएम ट्रूडो 17 फरवरी की रात भारत पहुंचे, लेकिन पीएम मोदी या कोई बड़ा नेता अब तक उनसे मिलने नहीं पहुंचा है, इसको कनाडा के लोग व मीडिया पीएम ट्रूडो के अपमान की तरह देख रहे हैं। कनाडा के कुछ लोगों का मानना है कि भारत जानबूझकर पीएम ट्रूडो को नजरअंदाज करके उनका अपमान कर रहा है। बता दें कि पीएम ट्रूडो पर आरोप लगते रहे हैं कि वह अपने देश में खालिस्तानियों को समर्थन देते हैं। कनाडा के लोग इसे ही वजह मान रहे हैं। कनाडा की एक जानी-मानी लेखक ने सवाल उठाया है कि जब पीएम ट्रूडो भारत पहुंचे तो प्रधानमंत्री मोदी उन्हें लेने क्यों नहीं पहुंचे? उन्होंने पीएम मोदी की कुछ तस्वीरें शेयर की हैं। उन तस्वीरों में पीएम अमरीका, इजरायल के राष्ट्रपतियों को लेने एयरपोर्ट पर देखे जा सकते हैं। एयरपोर्ट पर सऊदी किंग के साथ भी पीएम की फोटो है। लेखक ने पीएम ट्रूडो के मौजूदा दौरे की भी तस्वीर शेयर की हैं। उन्हें लेने पीएम नहीं, बल्कि राज्य मंत्री गजेंद्र शेखावत गए थे। लोगों का कहना है कि यह पोस्ट कनाडा में संसदीय सचिव के बराबर होती है। कुछ ने यह भी लिखा कि इससे साफ होता है कि भारत और कनाडा के रिश्ते बेहतर हालातों में नहीं हैं। वहीं लोग पीएम ट्रूडो को राय दे रहे हैं कि वह भारत में खालिस्तानियों से खुद को अलग करके पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंदर सिंह से माफी मांग लें। इसी बीच सोमवार को कनाडा के प्रधानमंत्री अपनी पत्नी और बच्चों के साथ गुजरात पहुंचे। यहां एयरपोर्ट पर उनका पूरा परिवार भारतीय वेशभूषा में नजर आया। एयरपोर्ट से पीएम ट्रूडो अहमदाबाद स्थित साबरमती आश्रम पहुंचे। यहां उनकी पत्नी चरखा भी चलाती नजर आईं।

ताजमहल में साथ नहीं गए योगी

लोगों को इस बात से भी दिक्कत है कि जब पीएम ट्रूडो अपनी पत्नी और तीनों बच्चों के साथ यूपी में ताजमहल के दीदार करने पहुंचे तो सीएम योगी आदित्यनाथ उनके साथ नहीं थे, जबकि हाल में जब इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ताजमहल गए थे तो योगी उनके साथ थे। पीएम ट्रूडो के ताज दौरे पर उनके साथ आगरा के जिला मजिस्ट्रेट और प्रशासन के कुछ लोग शामिल थे।

अनदेखी की वजह

पीएम ट्रूडो को खालिस्तानियों का समर्थक कहा जाता है। उन्होंने सिख अलगाववादी आंदोलन में शामिल लोगों को अपनी कैबिनेट में मंत्री बनाया था इससे मामला और बिगड़ गया। ट्रूडो की कैबिनेट में फिलहाल चार सिख मंत्री हैं। इसमें हरजीत सज्जन, अमरजीत सोही, नवदीप बैंस, बर्दिश छागर शामिल हैं। सोही ने हाल ही में कहा था कि वह खालिस्तान आंदोलन के न तो खिलाफ हैं और न समर्थन में।

कैप्टन अमरेंदर सिंह ने भी बनाई दूरी

अपने भारत यात्रा के दौरान कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो बुधवार को पंजाब भी जाएंगे, लेकिन पंजाब के मुख्यमंत्री अमरेंदर सिंह से मुलाकात नहीं होगी। कैनेडियन ब्रॉडकास्टिंग कारपोरेशन के मुताबिक, जस्टिन ट्रूडो अमरेंदर से नहीं मिलेंगे। पहले कहा जा रहा था कि जस्टिन ट्रूडो अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में अमरेंदर के साथ जाएंगे, लेकिन बाद में कार्यक्रम में बदलाव हो गया। इसके पीछे यह वजह बताई जा रही है कि कैप्टन अमरेंदर सिंह ने कनाडा के मंत्रियों पर एक अलग सिख राज्य खालिस्तान के गठन को लेकर हुए आंदोलन से जुड़े होने का आरोप लगाया था।

नहीं रखा गया आफिशियल डिनर

आमतौर पर विदेशी राष्ट्राध्यक्ष या पीएम के भारत आने पर सरकार या प्रधानमंत्री की तरफ से उनके सम्मान में डिनर रखा जाता है। जस्टिन ट्रूडो के मामले में ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। पीएम मोदी और सुषमा स्वराज ने कनाडाई पीएम के स्वागत को लेकर कोई ट्वीट तक नहीं किया।

फिर जाएंगे मुंबई

कनाडाई पीएम की यात्रा शनिवार को मुंबई से शुरू हुई। रविवार को वह आगरा में थे। सोमवार को अहमदाबाद के साबरमती आश्रम का दौरा किया। मंगलवार को जस्टिन ट्रूडो एक बार फिर मुंबई जाएंगे, जबकि बुधवार को उनका अमृतसर जाने का कार्यक्रम तय है। गुरुवार को कनाडाई पीएम अमृतसर से दिल्ली वापस आएंगे और शुक्रवार को दिल्ली से कनाडा लौट जाएंगे।


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