कालिका सहस्रनाम
Feb 24th, 2018 12:07 am
-गतांक से आगे…
रथिनी समर-प्रीता च वेगिनी रण-पंडिता।
जटिनी वङ्किणी नीला लावण्या बुधि-चंद्रिका।। 46।।
बलि-प्रिया महा-पूज्या पूर्णा दैत्येंद्र-मंथिनी।
महिषासुर-संहंत्री वासिनी रक्त-दंतिका।। 47।।
रक्तपा रुधिराक्ताङ्गी रक्त-खर्पर-हस्तिनी।
रक्त-प्रिया मांस-रुधिरासवासक्त-मानसा।। 48।।
गलच्छोणित-मुंडालि-कंठ-माला-विभूषणा।
शवासना चितांतःस्था माहेशी वृष-वाहिनी।। 49।।
व्याघ्र-त्वग बरा चीर-चेलिनी सिंह-वाहिनी।
वाम-देवी महा-देवी गौरी सर्वज्ञ-भाविनी।। 50।।
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