कृत्रिम बुद्धिमता

By: Feb 7th, 2018 12:07 am

कृत्रिम बुद्धिमता (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) का अर्थ है कृत्रिम तरीके से विकसित की गई बौद्धिक क्षमता। कृत्रिम बुद्धिमता का आरंभ 1950 के दशक में हुआ था। ये संगणक और संगणक प्रोग्रामों को उन्हीं तर्कों के आधार पर चलाने का प्रयास होता है, जिसके आधार पर मानव मस्तिष्क चलते हैं। कृत्रिम बुद्धिमता का उद्देश्य होता है कि संगणक अपने आप तय कर पाए, उसकी अगली गतिविधि क्या होगी। इसके लिए संगणक को अलग-अलग परिस्थितियों के अनुसार अपनी प्रतिक्रिया चुनने के लिए प्रोग्राम किया जाता है। इसके पीछे यही प्रयास होता है कि संगणक मानव की सोचने की प्रक्रिया की नकल कर पाए। इसका एक अनूठा उदाहरण है शतरंज खेलने वाले संगणक। ये संगणक प्रोग्राम मानव मस्तिष्क की लगभग हर चाल की काट और अपनी अगली चाल सोचने के लिए संगणक को प्रोग्राम किया हुआ है। यह इतना सफल रहा है कि मई 1997 में आईबीएम का संगणक डीप ब्लू ने विश्व के सबसे नामी शतरंज खिलाड़ी गैरी कास्परोव को हरा चुका है।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस दो शब्दों से मिलकर बना होता है।

1-   आर्टिफिशियल जिसका मतलव होता है ऐसा वस्तु जो प्राकृतिक नहीं हो मतलव कि उसे मानव के द्वारा वनाया गया हो या कहें कि कृत्रिम हो।

2-   इंटेलीजेंस का तात्पर्य है कि सोचने, समझने एवं सीखने की योग्यता है।

इस प्रकार हम कह सकते है कि एक इस तरह का सिस्टम विकसित करना जो कृत्रिम रूप से सोचने, समझने एवं सीखने की क्षमता रखता हो जैसे कि मानव रखता हैं। मतलब कि एक ऐसा सिस्टम जो व्यवहार  प्रतिक्रिया देने में दक्ष हो और जो मानव से भी बेहतर हो। इस पर अध्ययन चल रहा है। इसे लघु शब्दों में एआई भी कह सकते जो फ्रेंड सजेशन का जो ऑप्शन है वह एआई का ही एक हिस्सा है। कई बार हम रोबोट को एआई कह देते हैं। ऐसा नहीं है रोबोट एक ऐसा सिस्टम है जिसमें एआई को डाला गया है। हम इसे इस तरह भी परिभाषित कर सकते है कि  इस प्रकार का  अध्ययन जिसमें हम एक ऐसा साफ्टवेयर विकसित करें, जिससे  एक कम्प्यूटर भी इनसान की तरह और उससे बेहतर प्रतिक्रिया दे सके। एआई में कई विषय आते है जिसमें दर्शन , समाजशास्त्र और गणित एवं भाषा का ज्ञान होता है।


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