जनता बताए, कैसे मनाएं नलवाड़ी

By: Feb 14th, 2018 12:07 am

बिलासपुर में एडीएम ने आमजन से मांगे सुझाव, 17 से 23 मार्च तक सजेगा उत्सव

बिलासपुर – गोबिंदसागर झील के मुहाने पर हर वर्ष की तरह इस बार भी 17 मार्च से 23 मार्च तक आयोजित किए जाने वाले राज्य स्तरीय नलवाड़ी मेले को परंपरागत स्वरूप में बिना कोई बदलाव किए प्रभावी एवं आकर्षक बनाया जाएगा। लोगों की रुचि के अनुसार मेले में विभिन्न गतिविधियों को सम्मिलित करने के लिए संभावनाएं तलाशी जाएंगी। समाज के प्रत्येक वर्ग की रुचि के आधार पर मेले को जिला प्रशासन और स्थानीय बुद्धिजीवी वर्ग  के सहयोग से विशेष पहचान दिलाने की संभावनाएं भी तलाशी जाएंगी। यह बात कांसेप्ट कमेटी की बैठक की अध्यक्षता करते हुए बिलासपुर के अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी (एडीएम) एवं सांस्कृतिक उपसमिति के अध्यक्ष विनय कुमार ने कही। उन्होंने कहा कि मेले को और अधिक आकर्षक, लोक लुहावन एवं प्राचीन सांस्कृतिक विरासत को प्रभावी ढंग से आयोजित किया जाएगा। बैठक में इस सात दिवसीय मेले को जिला प्रशासन व स्थानीय बुद्धिजीवियों के सहयोग से विशेष पहचान दिलाने की सम्भावनाओं पर विस्तृत रूप से चर्चा की गई है। विनय कुमार ने बताया कि वर्षों से आयोजित किए जाने वाले इस प्राचीन मेले के परंपरागत स्वरूप में बिना बदलाव किए लोगों की रुचि अनुसार अन्य गतिविधियों को भी शामिल किए जाने के लिए सम्भावनाएं तलाशी जाएं, ताकि समाज के प्रत्येक वर्ग की रुचि इस मेले में परिलक्षित हो सकें। उन्होंने कहा कि मेले के शुभारंभ पर शोभायात्रा के दौरान जिला की पौराणिक लोक संस्कृति की झलक प्रभावी ढंग से प्रस्तुत करने के लिए व्यापक सम्भावनाएं तलाशी जाएंगी जबकि लोगों की रुचि व आमजन मानस को आकर्षित करने के लिए कार्यशाला एवं प्रदशर्नियों के माध्यम से हस्तकरघा, स्वयंसेवी संस्थाओं तथा औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान के प्रशिक्षुओं द्वारा निर्मित उत्पादों को प्रदर्शित करने पर भी कार्य किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रयास किया जाएगा कि जिला बिलासपुर के पारंपरिक पकवानों को भी मेले के दौरान स्थान उपलब्ध करवाया जाए ताकि बाहरी क्षेत्रों के व स्थानीय लोग विभिन्न पकवानों का आनंद उठा सके। उन्होंने कहा कि मेले का उद्देश्य मात्र मनोरंजन या खरीददारी न हो, बल्कि आने वाले लोगों को प्रदर्शनियों व स्टालों के माध्यम से नई नई जानकारियां व विलुप्त हो रही लोक संस्कृति के संरक्षण के लिए भी संदेश संप्रेषित हो सकें, इसके लिए प्रयास किए जाएंगे। अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी ने आमजन मानस से मेले के सफल आयोजन के लिए अपने अपने सुझाव देने का भी आग्रह किया है। बैठक में मेले के दौरान स्वच्छता बनाए रखने, डॉग शो, फोटो प्रदशर्नी व फोटो प्रतियोगिता करवाने, ब्यूटी पार्लर व मेहंदी लगाने, बेबी शो आयोजित करने, श्रेष्ठ खिलाडि़यों, कलाकारों, साहित्यकारों तथा अन्य श्रेष्ठ गतिविधियों के लिए सम्मानित किए जाने पर भी विस्तार से चर्चा की गई। इस मौके पर आईएएस प्रोबेशनर राहुल कुमार, एसडीएम प्रियंका वर्मा, उपनिदेशक एवं पीओ डीआरडीए सुभाष गौतम, अधिशाषी अभियंता आईपीएच राकेश पराशर, जिला लोक संपर्क अधिकारी अमीन शेख चिश्ती, डीएलओ नीलम चंदेल, प्रधानाचार्य आईटीआई कुलदीप चड्डा सहित उद्योग व अन्य विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।

मेले में यह-यह भी होगा

मेले के शुभारंभ पर शोभायात्रा के दौरान जिला की पौराणिक लोक संस्कृति की झलक प्रभावी ढंग से प्रस्तुत करने के लिए व्यापक संभावनाएं तलाशी जाएंगी तो वहीं, डॉग शो, फोटो प्रदर्शनी व फोटो प्रतियोगिता करवाने, ब्यूटी पार्लर व मेहंदी लगाने, बेबी शो आयोजित करने के अलावा श्रेष्ठ खिलाडि़यों, कलाकारों, साहित्यकारों को सम्मानित किया जाएगा।

पारंपरिक पकवान भी बनेंगे मेले की शान

मेले में प्रदशर्नियों के माध्यम से हस्तकरघा, स्वयंसेवी संस्थाओं तथा औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान के प्रशिक्षुओं द्वारा निर्मित उत्पादों को प्रदर्शित किया जाएगा, तो वहीं, जिला बिलासपुर के पारम्परिक पकवानों को भी मेले के दौरान स्थान उपलब्ध करवाया जाए ताकि बाहरी क्षेत्रों के व स्थानीय लोग विभिन्न पकवानों का आनंद उठा सके


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