टेरर फंडिंग पर पाक को बड़ा झटका

By: Feb 24th, 2018 12:06 am

एफएटीएफ ने ग्रे लिस्ट में किया शामिल, ऐन वक्त पर मित्र चीन ने दिया दगा

नई दिल्ली – आतंकवाद को शह देना पड़ोसी देश पाकिस्तान को बहुत भारी पड़ गया है। सूत्रों के अनुसार, पेरिस में फायनांशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की मीटिंग में पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में शामिल करने का फैसला हुआ है। ग्रे लिस्ट में शामिल देशों पर टेरर फंडिग के लिए कड़ी निगरानी रखी जाती है। सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तान के खिलाफ अमरीका द्वारा पेश किए गए प्रस्ताव का भारत, ब्रिटेन और फ्रांस जैसे देशों ने समर्थन किया। खास बात यह है कि पाकिस्तान के सदाबहार दोस्त चीन ने भी ऐन वक्त पर उसका साथ छोड़ते हुए प्रस्ताव पर अपनी आपत्तियां वापस ले लीं। एफएटीएफ का यह कदम पाकिस्तान के लिए बहुत बड़ा झटका है, क्योंकि इसका सीधा असर उसकी अर्थव्यवस्था पर होगा, जिसकी हालत पहले से ही काफी खस्ता है। पाकिस्तान के साथ व्यापार करने की इच्छुक अंतरराष्ट्रीय कंपनिया, बैंक और ऋण देने वाली अन्य संस्थाएं वहां निवेश करने से पहले कई बार सोचेंगी। पाकिस्तान के लिए भी विदेश निवेश लाना काफी मुश्किल हो जाएगा। बता दें कि पाकिस्तान ने मंगलवार को दावा किया था कि एफएटीएफ की मीटिंग में उसे तीन महीनों की मोहलत दिए जाने का फैसला हुआ है, लेकिन गुरुवार को पाकिस्तान के इस दावे पर उस वक्त सवाल खड़े हो गए थे, जब अमरीकी मीडिया के हवाले से यह खबर सामने आई कि आखिरी फैसला होना अभी बाकी है। सूत्रों के मुताबिक, अमरीका के दबाव में इस प्रस्ताव पर फिर से वोटिंग कराई गई, जिसमें ज्यादातर देशों ने पक्ष में वोट डाला। पाकिस्तान को फिलहाल तीन महीने के लिए ग्रे लिस्ट में डाला गया है। जून में एक बार फिर इसकी समीक्षा की जाएगी। अमरीका का साफ कहना है कि पाकिस्तान ने आतंकवाद को फंडिंग रोकने और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों को लागू करने के लिए उचित कदम नहीं उठाया है। पिछले महीने ही अमरीका ने पाकिस्तान को मिलने वाली करोड़ों डालर की सैन्य सहायता रोक दी थी। भारत भी सभी अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान को आतंकवाद के मुद्दे पर बेनकाब करता रहा है। हालांकि पाकिस्तान इन आरोपों से इनकार करता है। बता दें कि एफएटीएफ एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है जो विभिन्न देशों के बीच मनी लांड्रिंग और टेरर फंडिंग जैसे मामलों को देखता है। एफएटीएफ गैरकानूनी फंड के खिलाफ मानक तय करती है।  पाकिस्तान को इसके पहले साल 2012 से 2015 तक इस लिस्ट में डाला गया था।

पाक को था अंदाजा

पाकिस्तान को पता था कि इस बार एफएटीएफ की मीटिंग में उसके खिलाफ कार्रवाई हो सकती है, इसलिए उसने पिछले दिनों जमात-उद-दावा चीफ हाफिज के खिलाफ कार्रवाई का नाटक किया था।

आर्थिक तौर पर पंगु हो जाएगा पड़ोसी

एफएटीएफ के इस कदम के बाद पाकिस्तान के साथ कारोबार करने वाले बैंक और अंतरराष्ट्रीय कंपनियां उसके साथ वित्तीय संबंध रखने पर पुनर्विचार कर सकती हैं। ऐसे में पहले से आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान की हालत और बिगड़ेगी।


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