तीन उद्योगपति विभाग के सुपुर्द नहीं कर रहे प्लाट

By: Feb 22nd, 2018 12:05 am

बिलासपुर —पंजाब राज्य की सीमा से सटे औद्योगिक क्षेत्र ग्वालथाई में नियमों की अवहेलना के कारण रद्द किए गए तीन प्लाटों के मालिकों ने कब्जा अभी तक विभाग के सुपुर्द नहीं किया है। विभाग की विडंबना यह है कि इन तीनों प्लाटों के मालिकों का अभी तक कोई अता-पता नहीं चल पाया है। जिन वैकल्पिक पते पर पंजीकृत डाक द्वारा रद्दीकरण आदेश भेजे गए थे, वह भी वितरित हुए बगैर ही बैरंग वापस लौट आए हैं। ऐसे हालात में उद्योग विभाग की ओर से उन्हें अब 16 मार्च तक का अल्टीमेटम दिया गया है कि तय अवधि से पहले प्लाटों का कब्जा विभाग को सौंप दें, अन्यथा विभाग मामले को कोर्ट में ले जाएगा।  उद्योग विभाग के महाप्रबंधक जीएस चौहान ने बुधवार को बताया कि ग्वालथाई में प्लाट आबंटन एवं लीजडीड की शर्तों के उल्लंघन के कारण उद्योग विभाग द्वारा उनके प्लाट का आबंटन सोलह जनवरी को रद्द कर दिया गया है। यह रद्दीकरण आदेश औद्योगिक इकाई बंद होने के कारण उनकी इकाइयों के द्वार पर भी चस्पां कर दिए गए हैं तथा उनके उपलब्ध वैकल्पिक पते पर पंजीकृत डाक द्वारा भेजे गए रद्दीकरण आदेश डाक विभाग से बिना वितरित ही वापस आ गए हैं। इसलिए अब इन प्लॉट धारकों को अंतिम मौका दिया गया है कि वे प्लाट को खाली करके 16 मार्च से पहले विभाग को प्लाट का कब्जा सौंप दें, अन्यथा विभाग द्वारा प्लॉट का कब्जा लेने के लिए हिमाचल प्रदेश पब्लिक प्राइमिसिज (पीपी) एक्ट, 1971 के अंतर्गत माननीय न्यायालय में मुकदमा दायर किया जाएगा। चौहान के अनुसार जिन तीन उद्योगों का नाम पता नहीं चल पा रहा है उनमें मैसर्ज एसएस लेदेराइट प्लाट नंबर 14 व 15 फेस-2, मैसर्ज नरेंद्रा इंडस्ट्रीज़ प्लाट नंबर 37, 38 व 39 फेस-1, और मैसर्ज प्रसीज़न ल्यूब इंटरनेशनल प्लाट नंबर 40 फेस-1 शुमार हैं।  अब तीन ऐसे उद्योग हैं जिनके मालिकों का कोई अता पता नहीं चल पा रहा है।  नोटिस के बाद अब विभाग की ओर से अंतिम नोटिस निकाला गया है, जिसके तहत संबंधित उद्यमियों को एक माह तक का समय दिया गया है। इस अवधि के भीतर उस ओर से प्लाटों का कब्जा विभाग के सुपुर्द नहीं किया जाता है तो विभाग मामले को कोर्ट में ले जाएगा।


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