न्यायालय करे फैसला

By: Feb 19th, 2018 12:05 am

कांतिलाल मांडोत, सूरत (ई-पेपर के मार्फत)

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने अयोध्या राम मंदिर निर्माण के लिए सुलह का फार्मूला देने वाले मौलाना सैयद सलमान हुसैनी नदवी को पद से निष्कासित कर दिया है। हालांकि मौलाना अब भी अपनी जिद्द पर अड़े हुए हैं। कोर्ट ने राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद का मुद्दा न्यायालय के बाहर सुलझाने की पेशकश की थी। पहले मुस्लिम धर्मगुरु मंदिर निर्माण के लिए तैयार थे। अब समय के साथ ही ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड अपनी बात से मुकर गया। जिस मौलाना ने आपसी सुलह की बात रखी, उनको ही बोर्ड से निकाल दिया गया। इस पावन-पवित्र भूमि पर अब तक हिंदू-मुस्लिम ने खूब लहू बहाया है। इस धर्मस्थल के नाम पर अब दुश्मनी या दंगा-फसाद कोई नहीं चाहता। मामले का निपटारा अब आपसी सुलह से हो या अदालत से फैसले से, लेकिन भाईचारे के साथ अमन-चैन से अब कोई फैसला होना चाहिए। उल्लेखनीय है कि आबू धाबी के प्रिंस ने मंदिर निर्माण के लिए खुशी-खुशी जगह आबंटित कर दी, जबकि भारत में मंदिर निर्माण के लिए जन और धन की इतनी बर्बादी उचित नहीं। हालांकि जिस तरह के हालात बन रहे हैं, आपसी सुलह होनी मुश्किल लगती है। अदालत का फैसला ही यहां अच्छा विकल्प हो सकता है।

 


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