प्रगतिशील किसानों को सौंपे 21 बकरे
पालमपुर —प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय में डा. जीसी नेगी पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान महाविद्यालय के पशु आनुवांशिकी एवं प्रजनन विभाग ने अखिल भारतीय समन्वित शोध परियोजना के अंतर्गत आनुवांशिकी तकनीकों से सुधारे गए 21 गद्दी नस्ल के बकरे प्रदेश के प्रगतिशील किसानों को बांटे। ये बकरे प्रदेश में विद्यमान गद्दी बकरियों के नस्ल सुधार हेतु किसानों को वितरित किए गए। परियोजना के मुख्य अन्वेषक डा. पीके डोगरा ने बताया कि यह परियोजना मखदमू (मथुरा) स्थित केंद्रीय बकरी अनुसंधान केंद्र के अधीन संचालित की जा रही है। डा. डोगरा ने कहा कि इस परियोजना में शोध हेतु लगभग एक हजार घुमंतू बकरियां पंजीकृत की गई हैं, जिनका वांछित वातावरण में प्रजनन, स्तनपान व पालन-पोषण किया जा रहा है, ताकि वे घुमंतू वातावरण में प्रजनन करके सुधरी नस्ल के बकरे-बकरियों को जन्म दे सके। ये बकरे परियोजना के पालमपुर स्थित केंद्र में दो स्तरीय चयन व वैज्ञानिक प्रबंधन के बाद सुधरी नस्ल में परिवर्तित किए गए हैं। सहायक निदेशक डा. मुंशी कपूर ने झुंडों में बकरियों के नस्ल सुधार के लिए इस शोध को एक सकारात्मक कदम बताया है। विभागाध्यक्ष डा. वाईपी ठाकुर ने इस शोध से अधिक से अधिक बकरी पालकों को लाभ पहुंचाने पर बल दिया। डा. जीसी नेगी पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान महाविद्यालय के डीन डा. मनदीप ने शर्मा ने शोध परियोजना की टीम को घुमंतू परिस्थितियों में जनजातीय लोगों के हित में भरपूर कार्य करने व सफलता प्राप्त करने पर उन्हें बधाई दी।
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