प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र  घाड़जरोट खुद ‘बीमार’

By: Feb 21st, 2018 12:05 am

जवाली  —विस क्षेत्र जवाली के अंतर्गत पंचायत पनालथ, हरसर, अमलेला, बलदोआ, घाड़जरोट व बझेरा की जनता को स्वास्थ्य सुविधा मुहैया करवाने वाला एकमात्र प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र घाड़जरोट डाक्टर के अभाव में खुद ही बीमार माफिक होकर रह गया है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र घाड़जरोट पिछले करीब पांच-छह माह से मात्र फार्मासिस्ट के सहारे चल रहा है। फार्मासिस्ट ही मरीजों की नब्ज को टटोल रहा है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र घाड़जरोट पर पंचायत हरसर, पनालथ, घाड़जरोट, बलदोआ, बझेरा, अमलेला की करीबन 10 हजार आबादी चिकित्सा सुविधा के लिए निर्भर करती है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र घाड़जरोट में फार्मासिस्ट, लैब तकनीशियन, सफाई कर्मचारी तो तैनात हैं, लेकिन डाक्टर की कमी है। मरीज चिकित्सा सुविधा लेने के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में आते हैं, लेकिन डाक्टर के अभाव के कारण उनको मायूस होकर वापस लौटना पड़ता है। जनता ने कहा कि चिकित्सक के अभाव में लाखों रुपए की लागत से बनी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र घाड़जरोट की बिल्डिंग सफेद हाथी साबित हो रही है। डाक्टर न होने का खामियाजा जनता को भुगतना पड़ रहा है तथा चिकित्सक के अभाव में लोग जवाली व नगरोटा सूरियां में इलाज हेतु जाने के लिए मजबूर हो रहे हैं। लोगों ने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार जनता को घर द्वार चिकित्सा सुविधा मुहैया करवाने के दम भर रही है, लेकिन हकीकत में धरा पर मंजर कुछ और ही है। हकीकत में भाजपा सरकार मूलभूत ढंग से चिकित्सा सुविधा मुहैया करवाने में नाकाम साबित हो रही है। लोगों ने कहा कि प्रदेश में भाजपा सरकार को सत्तासीन हुए करीब अढ़ाई माह का समय हो चुका है, लेकिन अभी तक डाक्टरों की नियुक्तियां नहीं करवाई गई हैं। जनता ने प्रदेश सरकार व स्वास्थ्य मंत्री से मांग की है कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र घाड़जरोट में चिकित्सक की अतिशीघ्र नियुक्ति करवाई जाए, ताकि जनता को चिकित्सा सुविधा के लिए भटकना न पड़े। इस बारे में बीएमओ नगरोटा सूरियां मोहन चौधरी से बात हुई तो उन्होंने कहा कि पीएचसी घाड़जरोट में चिकित्सक का पद पिछले पांच-छह माह से रिक्त चल रहा है तथा इसके बारे में विभागीय उच्चाधिकारियों को समय-समय पर अवगत करवाया जाता है।


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