बच्चों में विटामिन की कमी

By: Feb 3rd, 2018 12:05 am

व्यस्त जीवनशैली वाली जिंदगी में हम छोटी-छोटी समस्याओं को अकसर नजरअंदाज कर जाते हैं। कामकाजी लोग न तो खुद को समय दे पाते हैं और न ही अपने बच्चों के लिए उन्हें ज्यादा वक्त मिल पाता है। ऐसे में कब हमारे शरीर में विटामिन की कमी के लक्षण उभरने लगते हैं, इसकी पहचान करना मुश्किल हो जाता है। कई बार ये छोटी-छोटी समस्याएं ही आगे चलकर बड़ी हो जाती हैं। एक नई रिसर्च में सामने आया है कि हमारे देश का बचपन विटामिन बी-12 की कमी से सुस्त और कमजोर पड़ता जा रहा है। बच्चे ही नहीं बल्कि महिलाएं भी विटामिन बी-12 की भारी कमी से जूझ रही हैं। हाल ही में किए गए शोध में पाया गया कि हर पांच में से एक आदमी में विटामिन बी-12 की भारी कमी है। यह रिसर्च तीन लाख लोगों पर की गई थी, जिनमें दो लाख महिलाएं शामिल थीं। जिन लोगों पर इस अध्ययन को अंजाम दिया गया, उनमें से ज्यादातर लोग वेजिटेरियन हैं। इस रिसर्च में यह सामने आया कि 9 शहरों के लगभग 15ः लोगों में इस विटामिन की मात्रा सामान्य से कम है। महिलाओं में अकसर प्रेगनेंसी के दौरान इसकी कमी का पता चल जाने से इसका इलाज हो जाता है, लेकिन पुरुष इसके लक्षणों को नजरअंदाज करते हैं और कोई जांच नहीं कराते। महिलाओं के मुकाबले पुरुषों में यह समस्या ज्यादा पाई जाती है।

कमी के कारण

समय के अभाव में सही डाइट नहीं लेने और कुछ भी खाते रहने की आदत बी-12 की कमी की बड़ी वजह है। यह केवल एनिमल प्रोडक्ट्स जैसे मीट, अंडा, डेयरी प्रोडक्ट्स में ही पाया जाता है। वनस्पति से प्राप्त होने वाले भोजन में यह बिलकुल नहीं पाया जाता। आजकल बढ़ती शाकाहारी संस्कृति से भी लोगों में इसकी कमी बढ़ी है। ऐसे लोग डेयरी प्रोडक्ट्स को भी मांसाहार की श्रेणी में रखते हैं और दूध, दही, पनीर और बाकी डेयरी उत्पादों का सेवन नहीं करते। इसकी कमी से सुस्ती, कमजोरी, खून की कमी, कमजोर पाचन शक्ति, सिरदर्द, त्वचा में पीलापन, धड़कन तेज होना, मुंह में छाले, आंखों में कमजोरी, अवसाद, भ्रम, अनियमित मासिक जैसे लक्षण नजर आते हैं।

महिलाओं पर असर

विटामिन बी-12 की कमी से महिलाओं में कई तरह के रोगों की आशंका बढ़ जाती है। आजकल ब्रेस्ट कैंसर के भी मामले काफी सामने आ रहे हैं। महिलाएं अनियमित मासिक धर्म के कारण डाक्टर के पास जाने में संकोच करती हैं। इससे भी ब्रेस्ट कैंसर जैसे रोगों की आशंका बढ़ जाती है। जरूरी है कि इसके लक्षणों को खुद से कैसे पहचानें, ताकि पहले ही अलर्ट हुआ जा सके। स्तन में होने वाली गांठ को समय रहते निकाल दिया जाए, तो कैंसर के खतरे से बचा जा सकता है।

ज्यादा कमी से कांप्लिकेशन

विटामिन बी-12 हमारे दिमाग और नर्व्स सिस्टम को स्वस्थ बनाए रखता है। इसकी कमी अल्जाइमर, हृदय रोग, ब्रेन  डैमेज, एनीमिया, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल को बढ़ावा देती है। भोजन में एनिमल बेस्ड फूड का प्रयोग नियमित रूप से करना चाहिए। दूध से ज्यादा यह विटामिन दही में पाया जाता है। मार्केट में मिलने वाले विटामिन बी-12 एडेड फूड प्रोडक्ट्स को अपने डाइट में शामिल कर सकते हैं।

क्या है विटामिन बी-12

विटामिन बी-12 में कोबाल्ट धातु पाया जाता है, जो शरीर की संतुलित कार्य प्रणाली के लिए बेहद आवश्यक है। यह खून की कमी नहीं होने देता, साथ ही लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण में सहायक है। हमारा शरीर विटामिन बी-12 का उत्पादन नहीं कर सकता। अतः छोटी आंतों द्वारा इसका भोजन में से अवशोषण किया जाता है, जिसे लिवर स्टोर कर रखता है। यह रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है और तनाव को भी कम करता है। इस कारण इसे एंटी स्ट्रेस विटामिन भी कहते हैं।

किनको है ज्यादा खतरा

जो लोग पाचन तंत्र की समस्या से ग्रस्त होते हैं, उनमें विटामिन बी-12 की कमी ज्यादा होती है। अतः 50 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में भी इसकी कमी होने की आशंका ज्यादा होती है।  इसके अलावा जिन लोगों ने वजन कम करने के लिए या किसी भी तरह की पेट की सर्जरी कराई हो, उनमें भी इस विटामिन की कमी पाई जाती है। देश के 10 में से 8 वयस्कों में विटामिन बी-12 की कमी है।


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