बिजली बोर्ड घोटाले की हो जांच

By: Feb 22nd, 2018 12:16 am

ऊर्जा मंत्री ने दिए निर्देश, आला अधिकारियों में हड़कंप

सोलन— बिजली बोर्ड सोलन में हुए लाखों रुपए के घोटाले को लेकर ऊर्जा मंत्री अनिल शर्मा ने जांच के आदेश जारी किए हैं। उन्होंने कहा कि यदि लोकल स्तर पर गठित की गई जांच कमेटी की रिपोर्ट सही नहीं पाई जाती है, तो प्रदेश स्तर पर उच्च स्तरीय जांच कमेटी को यह मामला सौंपा जाएगा। ‘दिव्य हिमाचल’ द्वारा 20 फरवरी को बिजली बोर्ड सोलन में हुए करीब 42 लाख रुपए के घोटाले का समाचार प्रमुखता से प्रकाशित किया था। समाचार प्रकाशित होने के बाद बोर्ड के आला अधिकारियों में हड़कंप मच गया है। अधिशाषी अभियंता बद्दी की अध्यक्षता में कमेटी गठित की गई। जांच कमेटी की रिपोर्ट एक सप्ताह से पहले मांगी गई है। रिपोर्ट को अधीक्षण अभियंता सोलन के माध्यम से निदेशक बिजली बोर्ड को भेजा जाएगा। यहां तक कि ऊर्जा मंत्री अनिल शर्मा भी इस मामले पर नजर रखे हुए हैं। यदि रिपोर्ट संतोषजनक नहीं पाई जाती है, तो इस मामले की उच्च स्तरीय जांच करवाई जाएगी। ऊर्जा मंत्री द्वारा जारी किए गए इन आदेशों के बाद बोर्ड के अधिकारियोें के हाथ-पांव फूलने लगे हैं। सोलन के पास शमलेच में जीआर कंपनी को जारी किए गए अस्थायी कनेक्शन पर मीटर ने कई ऐसे सवाल खड़े कर दिए हैं, जिनका जवाब जांच कमेटी खोजने में लगी है। सबसे पहला सवाल यह उठ रहा है कि जब अस्थायी मीटर का एक भी बिल जारी नहीं हुआ, तो एवरेज बिल किस आधार पर दिया गया है। हालांकि बाद में मामला रफा-दफा करने के लिए जनवरी, 2018 में नया मीटर लगाकर एक माह का करीब पांच लाख रुपए का बिल कंपनी को थमा दिया गया, जबकि दिसंबर, 2016 से दिसंबर 2018 तक का एवरेज बिल बनाकर करीब 18 लाख रुपए दिया गया। बिल की ये दोनों राशियां आपस में दूर-दूर तक मेल नहीं खा रही। ऐसे में कई अन्य सवाल भी खड़े हो गए हैं।

रिपोर्ट आने के बाद साफ होगी स्थिति

बिजली बोर्ड के अधीक्षण अभियंता एसके सेन का कहना है कि बोर्ड द्वारा सीटीपीटी फैक्टर के आधार पर अस्थायी मीटर का बिल दिया जाता है, जिसकी वजह से बिल कई गुना कम हो जाता है। तीन दिन में रिपोर्ट आने वाली है, जिसके बाद पूरी स्थिति साफ हो जाएगी।


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