बिलासपुर का नाम बदलकर व्यासपुर रखने की वकालत

By: Feb 21st, 2018 12:05 am

 बरमाणा —जागरूक ब्राह्मण मंच बिलासपुर कार्यकारिणी की बैठक पंजगाईं के लोक निर्माण विभाग के विश्राम गृह में  जिलाध्यक्ष नरेश सहोड़ की अध्यक्षता में हुई। इस मौके पर  मंच के मुख्य संरक्षक डा. केडी लखनपाल व संरक्षक रोशन लाल भारद्वाज विशेष रूप से उपस्थित रहे। मंच के महासचिव आरडी गौतम ने कहा कि बैठक में समाज में व्याप्त विभिन्न समस्याओं पर विस्तार से चर्चा की गई। उन्होंने कहा कि बिलासपुर की धरती महर्षि वेद व्यास की धरती है और यह व्यासपुर के नाम से मशहूर थी, लेकिन पता नहीं क्या इसका ऐतिहासिक नाम बदलकर बिलासपुर रख दिया गया। इस मौके पर उपस्थित सदस्यों  ने सरकार से मांग की कि बिलासपुर का नाम बदलकर व्यासपुर ही किया जाए, जो लोगों की भावनाओं के अनुकूल है। आरडी गौतम ने कहा कि आजादी के 70 वर्ष बाद आरक्षक कोई मायने नहीं रखता है, क्योंकि एक आईएएस अधिकारी और क्लास वन अधिकारी का परिवार दलित परिवार नहीं माना जात सकता है और उसके बच्चों को आरक्षण देने का कोई मतलब नहीं बनता है। आरक्षित वर्ग में जो वंचित श्रेणी के लोग हैं तथा दूसरी जातियों में जो गरीब लोग है, उन्हें आर्थिक आधार पर आरक्षण दिया जा सकता है। उन्होंने कहा कि केवल राजनेता ही जाति को बढ़ावा दे रहे हैं और गरीबी के मुद्दे को जीवित रखना चाहते हैं, जो कि दुर्भाग्यपूर्ण है।  मंच के मुख्य संरक्षक डा. केडी लखनपाल ने कहा कि प्रदेश और देश में आए दिन जाति आधार पर कभी मिड-डे मील, तो भी मंदिरों में दलित समुदाय की अलग-अलग लाइनें लगवाने व मंदिरों में अनेक प्रवेश पर विरोध की खबरें मुख्य रूप से प्रकाशित होती हैं। मंच के संरक्षक रोशन लाल भारद्वाज, बेलीराम गौतम, रामजी दास गौतम व पंजगाईं इकाई के प्रधान सुशील कुमार ने कहा के एटरोसिटी एक्ट में संशोधन किया जाए, ताकि इसका दुरुपयोग किसी विशेष समुदाय द्वारा न किया जाए सके।  मंच ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से मांग की है कि राज्य ब्राह्मण कल्याण बोर्ड का शीघ्र गठन किया जाए, ताकि इस समुदाय के लोग अपनी समस्याएं सरकार के समक्ष उठा सके। इस अवसर पर पंजगाईं इकाई के प्रधान आरडी गौतम  को जिला इकाई का महासचिव नियुक्त किया गया तथा पंजागईं इकाई का प्रधान नंदलाल को चुना गया।


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