बैंकिंग तंत्र में भ्रष्टाचार

By: Feb 22nd, 2018 12:05 am

राजेश कुमार चौहान, सुजानपुर टीहरा

‘बैंकिंग तंत्र पर उभरा भरोसे का संकट’ लेख में योगेश कुमार गोयल ने संबंधित क्षेत्र में फैले भ्रष्टाचार पर अपनी राय व्यक्त की। सबसे पहले तो यह कहना उचित होगा की जिस देश में भ्रष्टाचार की जड़ें काफी गहराई तक जा चुकी हैं, वहां किसी बैंक में महाघोटाला होना कोई हैरत की बात नहीं है। जबसे पीएनबी घोटाला सामने आया है, इस पर हो-हल्ला ज्यादा हो रहा है और आरोपियों तक पहुंचने का काम कम। पीएनबी घोटाले ने लोगों का विश्वास बैंकों पर से भी कम कर दिया। मोदी सरकार ने बेशक आर्थिक भ्रष्टाचार को रोकने के लिए नोटबंदी का ऐतिहासिक फैसला लिया, लेकिन पीएनबी घोटाले ने मोदी सरकार को आर्थिक भ्रष्टाचार रोकने में नाकामयाब कर दिया। मोदी सरकार अगर भ्रष्टाचार को रोकने के लिए नोटबंदी के फैसले से पहले इसके आधार में व्याप्त भ्रष्टाचार पर वार करती, फिर नोटबंदी का फैसला भी कामयाब हो सकता था। इससे आर्थिक भ्रष्टाचार पर भी लगाम लग सकती थी और बैंकिंग व्यवस्था में भी सुधार होना था। अब मोदी सरकार को यह राग अलापना बंद करना चाहिए कि उसका नोटबंदी का फैसला देश में आर्थिक भ्रष्टाचार रोकने में कामयाब रहा। पीएनबी घोटाले ने मोदी सरकार को कठघरे में खड़ा कर दिया है। सवाल उठता है कि क्या मोदी ने केवल गरीब लोगों के बैंक खाते को ही आधार कार्ड से लिंक करवाने के निर्देश दिए हैं? अब वित्त मंत्री ने इस घोटाले के लिए बैंकिंग व्यवस्था को जिम्मेदार ठहराया, लेकिन जेटली साहब बताएं कि व्यवस्था में पसरे इस भ्रष्टाचार को खत्म कौन करेगा?


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App