बैंकों में आधी हो सरकार की हिस्सेदारी

By: Feb 19th, 2018 12:04 am

नई दिल्ली— औद्योगिक संगठन एसोचैम का कहना है कि पंजाब नेशनल बैंक में 11400 करोड़ की फर्जी लेनदेन की घटना सरकार के लिए एक सबक होनी चाहिए कि वह बैंकों में अपनी हिस्सेदारी 50 फीसदी से कम करे, ताकि वे निजी बैंकों की तरह अपने शेयरधारकों के प्रति पूरी जवाबदेही के साथ काम कर सकें। पीएनबी घोटाले के प्रति अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए एसोचैम ने कहा कि विडंबना है कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक एक संकट के बाद दूसरे संकट से जूझ रहे हैं और उन्हें करदाताओं के पैसे से बचाने की भी एक सीमा है। भले ही सरकार इन बैंकों की मुख्य शेयरधारक क्यों न हो। बैंकों के शीर्ष पद सरकारी नौकरी जैसे माने जाते हैं और वरिष्ठ प्रबंधन अधिकारी अपना अधिकतर समय छोटे से मसलों के लिए भी निर्देश लेने और उन्हें लागू करने में बिता देते हैं। इस प्रक्रिया में बैंकों का मुख्य कार्य जैसे जोखिम की रोकथाम और प्रबंधन कम महत्वपूर्ण हो जाते हैं। यह समस्या बैंकों द्वारा नई प्रौद्योगिकी के अंगीकार करने से और भी गहरी हो गई है।


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