मध्य हिमालय खंड में हैं पर्याप्त चरागाह

By: Feb 7th, 2018 12:05 am

मध्य हिमालय खंड में लोगों का मुख्य व्यवसाय कृषि और बागबानी दोनों हैं। कृषि में मक्की, गंदम, जौ आदि बोए जाते हैं। परंतु फसलें कम मात्रा में होती हैं। मुख्य फसल आलू है, जो इस क्षेत्र की नकदी फसल भी है। बागबानी के क्षेत्र में मुख्य बागीचे सेब के हैं…

गतांक से आगे…

मध्य- हिमालय-खंड

इस  खंड में चंबा का ऊपरी भटियात क्षेत्र, चुराह व भरमौर के ऊहल चच्योट और करसोग के क्षेत्र, सिरमौर का गिरीपार का क्षेत्र, कुल्लू- मनाली का क्षेत्र, कांगड़ा के बड़ा भंगाल का क्षेत्र और शिमला जिला के सारे क्षेत्र आते हैं। इस खंड में जनसंख्या का घनत्व निम्न हिमाचल क्षेत्र की तुलना में कम है और जैसे- जैसे हम पूर्व की ओर ऊपर की ओर बढ़ते जाते हैं, यह घनत्व कम होता जाता है। इस खंड के आबादी वाले क्षेत्र की ऊंचाई समुंद्रतल से 1050 और 2400 मीटर के मध्य उठती है। इस क्षेत्र की  अधिकतम ऊंचाई 1500 मीटर से 4500 मीटर तक है। इस खंड में लोगों का मुख्य व्यवसाय कृषि और बागबानी दोनों हैं। कृषि में मक्की, गंदम, जौ आदि बोए जाते हैं। परंतु फसलें कम मात्रा में होती हैं। मुख्य फसल आलू है, जो इस क्षेत्र की नकदी फसल भी है। बागबानी के क्षेत्र में मुख्य बागीचे सेब के हैं।  यद्यपि आडू, प्लम, नाशपाती और बादाम आदि भी पर्याप्त मात्रा में लगाए जाते हैं। यह सारा खंड हरे- हरे वनों से भरा  है, जिनमें देवदार,  कैल, रई, बान, बुरांस के वृक्ष मुख्य हैं। इसके अतिरिक्त जंगल कई प्रकार की जड़ी- बूटियों से भरपूर हैं। इस खंड के क्षेत्रों में चरागाह भी पर्याप्त है। यह अधिकतया पहाड़ी क्षेत्र है, जिसमें कई सुंदर और उपजाऊ घाटियां भी हैं परंतु उनकी लंबाई चौड़ाई की अपेक्षा कम है।


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