मरने के बाद मिला विकलांगता कार्ड

By: Feb 12th, 2018 12:16 am
भरमौर में सरकारी लचर व्यवस्था फिर कठघरे में

भरमौर – प्रदेश में सरकारी लचर  व्यवस्था का एक बड़ा कारनामा चंबा जिला के जनजातीय क्षेत्र भरमौर में सामने आया है। दिव्यांग महिला का डिसएबिलिटी कार्ड मौत के तीसरे साल में डाक विभाग के जरिए परिजनों को मिला है। रोचक है कि महिला की दो साल पहले मौत हो चुकी है। लिहाजा अब परिजनों को 31 जनवरी को डाक विभाग के जरिए यह कार्ड मिला है। अलबत्ता व्यवस्था की एक बड़ी लापरवाही से जहां एक दिव्यांग सरकारी सहूलियतों का लाभ लेने में असमर्थ रही, वहीं महिला की मौत के बाद परिजनों को मिला कार्ड व्यवस्था का मजाक उड़ा रहा है। जनजातीय क्षेत्र भरमौर की ग्राम पंचायत कुलेठ से संबंध रखने वाली भंगाली राम की मानें तो वर्ष 2011 में अपनी माता स्वर्गीय रतो देवी का दिव्यांग कार्ड हेतु आवेदन किया गया था। जिला कल्याण विभाग की ओर से यह दिव्यांग कॉर्ड जारी किया जाता है। तमाम औपचारिकताएं पूर्ण करने के बाद भी उन्हें यह लंबे समय तक हासिल नहीं हो पाया है। भंगाली राम बताते हैं कि उन्होंने इस कार्ड के मिलने की उम्मीद भी छोड़ दी थी। इस बीच 2015-16 में उनकी माता की मृत्यु हो गई। वह बताते हैं कि 31 जनवरी को उन्हें डाक विभाग के जरिए खाकी रंग का लिफाफा मिला। जब इसे खोल कर देखा तो उसके भीतर उनकी माता का विकलांगता कार्ड था। जानकारी के मुताबिक कार्ड का नंबर 36722 है और यह 14/10/2011 से 13/10/2021 तक बेलिड है। इस कार्ड को डिपार्टमेंट ऑफ सोशल जस्टिस एंड इम्पावरमेंट  की ओर से जारी किया गया है। भंगाली राम का कहना है कि इस पूरे मामले की छानबीन होनी चाहिए कि इतने वर्षों तक यह कार्ड कहां रहा और इसके पीछे दोषी कौन है, ताकि भविष्य में किसी के साथ ऐसा न हो।

 


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