विद्यानंद सरैक को राष्ट्रीय पुरस्कार

By: Feb 3rd, 2018 12:03 am

देश-विदेश में कई मंचों पर छोड़ चुके हिमाचली संस्कृति की छाप

ठियोग – ठियोग के गिरीपार क्षेत्र के देवठी मझगांव के रहने वाले लोक संस्कृति के संरक्षक विद्यानंद सरैक को राष्ट्रीय संगीत एवं नाट्य अकादमी द्वारा राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। विद्यानंद सरक चार वर्ष की उम्र से ही हिमाचली लोक संस्कृत संस्कृति तथा ट्रेडिशनल फोक म्यूजिक की विभिन्न विधाओं को संजोए हुए देश-विदेश में अनेक मंचों पर हिमाचली संस्कृति की छाप छोड़ चुके हैं। शुक्रवार को ठियोग में विद्यानंद सरैक ने बताया कि उन्होंने हिमाचली संस्कृति तथा लोक विद्याओं पर किताबें लिखी हैं और सांस्कृतिक ध्रुव धरोहरों पर गहन अध्ययन किया है। उन्होंने बताया कि ट्रेडिशनल फोक जैसे ठोडा सिंटू, बड़ाहलटू हिमाचल की देव पूजा पद्धति और पान चढे़ सहित नोबल पुरस्कार विजेता रविंद्रनाथ टैगोर के गीतांजलि संस्करण से 51 कविताओं का सिरमौरी भाषा में अनुवाद किया है। इसके अलावा उन्होंने बच्चों का फोटो ड्रामा ‘भू रे एक रोटी’ के अलावा समाधान नाटक, जो कि सुकताल पर आधारित है, का भी मंचन किया है। विद्यानंद अपनी सांस्कृतिक मंडली स्वर्ग लोक नृत्य मंडल के साथ मिलकर व देश-विदेश में कई मंचों पर हिमाचली संस्कृति की छाप छोड़ चुके हैं। विद्यानंद सरैक को इससे पहले भी कई प्रदेशों में तथा संस्थाओं द्वारा पुरस्कृत किया जा चुका है, जिनमें पंजाब कला शास्त्री अकादमी द्वारा लोकनृत्य ज्ञान लोक साहित्य पुरस्कार भी शामिल है। विद्यानंद को वर्ष 2016 का गीत एवं नाटक अकादमी द्वारा राष्ट्रीय पुरस्कार जोगी 17 जनवरी को देश के राष्ट्रपति द्वारा प्रदान किया गया है। इस पुरस्कार में उन्हें एक ताम्र पत्र तथा एक लाख की नकद राशि प्रदान की गई है।


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