शिक्षकों के हिसाब से स्कूल

By: Feb 20th, 2018 12:16 am

 सरकार और विभाग का बेहतर शिक्षा को लेकर नया प्लान

शिमला – हिमाचल प्रदेश में निर्धारित संख्या से कम वाले स्कूल मर्ज होंगे या नहीं, इसको लेकर अभी तक असमंजस की स्थिति बनी हुई है। हालांकि प्रदेश सरकार की ओर से साफ कह दिया गया है कि अब सभी स्कूलों को अभी मर्ज नहीं किया जाएगा। कहा जा रहा है कि जो स्कूल ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसे हैं, जहां पर छात्र दूरदूराज स्कूलों में पढ़ने के लिए नहीं जा सकते, ऐसे स्कूलों को मर्ज नहीं किया जाएगा। प्रदेश के शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज का कहना है कि बेहतर शिक्षा प्रणाली को बनाने के लिए प्रयास किया जाएगा कि उतने ही स्कूल रखे जाएं, जितने की प्रदेश में शिक्षक होंगे। प्रदेश सरकार व शिक्षा विभाग इस योजना पर अभी प्लान बना रहे हैं। वहीं सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जिन स्कूलों को आसानी से मर्ज किया जा सकता है, उन्हें किया जाएगा, ताकि स्कूलों में शिक्षकों की कमी दूर हो सके। शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार कॉमर्स, मैथ्स, समाज, साइंस के शिक्षकों की ज्यादा कमी है, जिस वजह से प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र हमेशा मैथ्स, साइंस व समाज में पीछे रहते हैं। जानकारी के अनुसार प्रदेश सरकार शिक्षा विभाग के साथ मिलकर शिक्षा की गुणवत्ता पर योजना बनाई जा रही है। योजना के तहत शिक्षकों की कमी से लेकर छात्रों की संख्या सरकारी स्कूलों में कैसे बढे़, इस पर भी ध्यान दिया जाएगा।

तय संख्या से कम 800 स्कूल

शिक्षा विभाग की अभी तक की रिपोर्ट को देखें, तो प्रदेश भर में लगभग 800 स्कूल ऐसे हैं, जो निर्धारित संख्या से कम चल रहे हैं। शिक्षा विभाग के पास इसकी पूरी रिपोर्ट बनी हुई है। शिक्षा विभाग के विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार शिमला जिला में ही अधिकतर स्कूल ऐसे हैं, जहां दस से कम छात्र पढ़ रहे हैं। वहीं प्रदेश के सरकारी सकूलों में शिक्षकों के भी हजारों पद खाली पड़े हुए हैं।


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